Aug 6, 2024, 09:54 AM IST

महाभारत में ही बन गया था पहला वर्ल्ड मैप

Kuldeep Panwar

धरती का पहला नक्शा कब तैयार हुआ था. इस पर पश्चिमी देशों में अपनी-अपनी तरह के दावे किए जाते रहे हैं. हालांकि पुख्ता कोई नहीं निकला है.

रोमन सभ्यता पर शोध करने वाले इतिहासकारों ने दावा किया है कि संपूर्ण धरती का नक्शा सबसे पहले रोमन सेनाओं ने बनाया था.

कुछ इतिहासकार इन्हें नार्वे के वाइकिंग्स समुदाय की देन मानते हैं, जो लूटपाट करने और अच्छे खाने की खोज में दूर-दूर तक यात्राएं करते थे.

पुर्तगाली और फ्रांसीसी भी उपनिवेश बनाने के लिए की गई यात्राओं की बदौलत पृथ्वी के पहले भौगोलिक नक्शे पर दावा ठोकना नहीं भूलते हैं.

अमेरिका और स्पेन का दावा एक ही खोजी यानी कोलंबस के दम पर टिका हुआ है, जो भारत खोजने निकले थे और अमेरिका को खोज बैठे थे.

यदि हम कहें कि धरती का पहला मानचित्र यानी नक्शा एक भारतीय मुनि ने बनाया था यानी ये भी पौरोणिक भारत का हिस्सा है तो आप क्या कहेंगे?

11वीं शताब्दी के महान गणितज्ञ व भूगोल विज्ञानी रामानुजाचार्य ने पृथ्वी का एक नक्शा बनाया था, जिसमें पृथ्वी को दो अंशों में दिखाया गया था.

रामानुजाचार्य के नक्शे में पृथ्वी चंद्रमंडल में दो अंशों में दिखती है, जिनमें एक खरगोश जैसा और दूसरा दो पीपल के पत्तों के जैसे रूप में दिखते हैं.

क्या रामानुजाचार्य वह पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने धरती का नक्शा बनाया था. नहीं आप गलत सोच रहे हैं. रामानुजाचार्य ने खुद सबको यह बताया था.

रामानुजाचार्य ने बताया था कि उन्होंने महर्षि वेद व्यास के बताए नक्शे को महज आकृति के रूप में खींचकर सबके सामने पेश किया है.

दरअसल महाभारत के रचयिता महर्षि वेद व्यास ने हजारों साल पहले ही पृथ्वी का पूरा नक्शा सभी के सामने एक श्लोक के जरिये खींच दिया था.

महाभारत के भीष्म पर्व में यह श्लोक मौजूद है, जिसमें महाभारत लिख रहे भगवान श्रीगणेश को महर्षि वेद व्यास पृथ्वी के बारे में बता रहे हैं.

“सुदर्शनं प्रवक्ष्यामि द्वीपं तु कुरुनन्दन। परिमण्डलो महाराज द्वीपोऽसौ चक्रसंस्थितः॥ यथा हि पुरुषः पश्येदादर्शे मुखमात्मनः। एवं सुदर्शनद्वीपो दृश्यते चन्द्रमण्डले॥ द्विरंशे पिप्पलस्तत्र द्विरंशे च शशो महान्।”

इस श्लोक में वेद व्यास कहते हैं,'हे कुरुनन्दन ! सुदर्शन नामक यह द्वीप चक्र की भांति गोलाकार है, जैसे पुरुष दर्पण में अपना मुख देखता है, उसी प्रकार यह द्वीप चंद्रमंडल में दिखता है. इसके दो अंशों में पिप्पल (पीपल) और दो अंशों में महान शश (खरगोश) दिखाई देता है.'

यदि इस श्लोक के आधार पर कागज पर ड्रॉ करके आप देखेंगे तो सामने आई रेखाएं पृथ्वी के चार महाद्वीपों की मौजूदा नक्शे में दिखाई संरचना से बेहद मेल खाती हैं.