Nov 4, 2023, 01:29 AM IST

दिल्ली में यहां संजीवनी बूटी लेकर आए थे हनुमान

Kuldeep Panwar

रामायण में राम-रावण युद्ध के दौरान लक्ष्मण जी के मेघनाद के दिव्यास्त्र से बेहोश होने पर हनुमान जी के संजीवनी बूटी लाने का जिक्र मिलता है.

हनुमान जी यह बूटी हिमालय पर्वत के मौजूदा उत्तराखंड इलाके से ले गए थे. लंका लौटते समय स्थानीय मान्यताओं के हिसाब से उनका कई जगह विश्राम माना जाता है. ऐसी ही एक जगह दिल्ली में भी मौजूद है.

पुरानी दिल्ली के यमुना बाजार इलाके में मरघट वाले हनुमान मंदिर है, जिसे लेकर स्थानीय मान्यता है कि हनुमान जी लंका लौटते समय यहां संजीवनी बूटी लेकर उतरे थे. 

मान्यता है कि यमुना नदी बहती देखकर हनुमान पानी पीने और विश्राम करने के लिए संजीवनी बूटी देखकर उतरे. श्मशान घाट के बाहर उनके उतरने से वहां मौजूद बुरी आत्माओं में खलबली मच गई.

मान्यता है कि हनुमान जी की उपस्थिति के कारण उन सभी बुरी आत्माओं को मोक्ष मिल गया. इससे यमुना जी बेहद प्रसन्न हुईं और हनुमान को वहीं बसने के लिए कहा.

मान्यता है कि हनुमान ने लंका लौटने का कारण बताते हुए अपनी उपस्थिति उस जगह रहने का वचन दिया. इसके बाद से ही यह जगह मरघट वाले हनुमान बाबा का मंदिर बन गई.

यहां हनुमान मूर्ति जमीन के अंदर कई फुट नीचे है. मान्यता है कि यमुना जी ने साल में एक बार हनुमान के दर्शन के लिए मंदिर में आने का वचन दिया था. इसके चलते यह मूर्ति एक बार पानी में डूब जाती है.

यमुना नदी बाढ़ का रूप धरकर साल में कम से कम एक बार इस मंदिर तक पहुंचती हैं. इसे यमुना जी का हनुमान दर्शन का तरीका माना जाता है.

स्थानीय मान्यता है कि इस मंदिर के सामने मौजूद मरघट में अंतिम संस्कार करने पर खुद हनुमान ही मरने वाले की आत्मा को परलोक के द्वार पहुंचाते हैं. 

डिस्क्लेमर: यह पूरी जानकारी सामाजिक और धार्मिक मान्यताओं व आस्थाओं पर आधारित है. इसकी सत्यता की पुष्टि Dnaindia Hindi नहीं करता है.