Nov 18, 2023, 02:47 PM IST

महिला नागा साधुओं की रहस्यमयी दुनिया की 5 बातें

Ritu Singh

महिला नागा साधु आम साधवियों से बिलकुल अलग होती हैं और रहस्यमयी जीवन जीती हैं.

नागा साधुओं की तरह उनका जीवन भी कठिन होता है. पुरुष नागा साधुओं की तरह महिला नागा साधु भी दुनिया से कटकर रहती हैं.

कई लोगों को लगता है कि पुरुष नागा साधुओं की तरह क्या महिला नागा साधु भी निर्वस्त्र रहती हैं. लेकिन यहां उनके लिए नियम अलग हैं,

महिला नागा साधु पुरुष नागा साधुओं की तरह निर्वस्त्र नहीं रहती हैं. क्योंकि महिला नागा साधुओं को कपड़े पहनने की छूट रहती है, लेकिन यह केवल एक ही रंग का कपड़ा पहन सकती हैं.

महिला नागा साधु गेरुए रंग का वस्त्र धारण करती हैं और इसके साथ ही वह अपने माथे पर एक तिलक जरूर लगाती हैं. 

महिला नागा साधुओं को दूसरी साध्वियां माता कहकर पुकारती हैं. इसके अलावा इनके कई नाम हैं जिनमें नागिन, अवधूतानी कहकर भी उन्हें संबोधित किया जाता है.

महिला नागा साधु केवल माघ मेला, कुंभ, महाकुंभ जैसे खास मौकों पर ही पवित्र नदियों में स्‍नान करने के लिए सामने आती हैं और इस दौरान ही वह दर्शन देती हैं. 

वह गुफाओं, जंगल और पहाड़ों में रहकर तपस्या करती हैं. महिला नागा साधु जिंदा रहते ही अपना पिंडदान कर देती हैं और अपना सिर मुंडवाती हैं. इसके बाद ही उन्हें गुरू द्वारा महिला नागा साधु की उपाधि मिलती है.