Sep 13, 2024, 01:51 PM IST

इस महिला ने किया था सबसे पहला पिंडदान

Nitin Sharma

इस साल 17 अगस्त 2024 से पितृपक्ष शुरू होकर 2 अक्टूबर तक रहेंगे. मान्यता है कि इन 15 दिनों में पूर्वज धरती पर आते हैं. 

पितृपक्ष में पितरों का श्राद्ध तर्पण किया जाता है. इससे पितरों तक अन्न पहुंचता है और  पूर्वज प्रसन्न होते हैं. 

लेकिन क्या आप जानते हैं कि सबसे पहले पिंडदान किसने किया था.

हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार सबसे ​पहला पिंडदान त्रेतायुग में मां सीता ने किया था. माना जाता है कि सिर्फ घर के पुरुष या फिर शादीशुदा महिलाएं ही श्राद्ध कर सकती हैं. 

दरअसल, वनवास के दौरान जब भगवान श्रीराम अपने छोटे भाई लक्ष्मण और पत्नी माता सीता के साथ गया पहुंचे. तो उस समय पितृपक्ष चल रहा था. 

गया में श्राद्ध का विशेष महत्त्व है. तब श्रीराम ने पिता दशरथ का पिंडदान करना चाहा और इसके लिए वे भाई लक्ष्मण के साथ श्राद्ध की सामग्री लेने के लिए बाजार गए. यहां से उन्हें लौटने में देर हो गई. 

माता सीता ने बहुत देर तक इंतजार किया. पिंडदान करने के लिए आखिरी समय बचा तो उन्होंने खुद ही पिंडदान करने की ठान ली.

इस पर माता सीता ने फल्गु नदी के पास वटवृक्ष केतकी फूल और गाय को साक्षी मानकर बालू का पिंड बनाकर अपने ससुर दशरथ का पिंडदान किया.