Sep 17, 2024, 11:43 AM IST

Premanand ji Maharaj ने बताया क्यों सतयुग, त्रेतायुग से अच्छा है कलयुग

Nitin Sharma

वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज दिनभर राधेरानी का जप और सत्संग करते हैं. उनके वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल होते हैं.

प्रेमानंद जी महाराज के सत्संग में भक्त उनसे भक्तिमार्ग से संबंधित सवाल पूछते हैं. ऐसा ही एक सवाल महाराज जी के भक्त ने पूछा.

भक्त ने सवाल किया कि सतयुग त्रेतायुग की एक अलग महीमा है. उनमें इतना पाप भी नहीं होता था. कलयुग कैसा है.

प्रेमानंद महाराज ने कहा कि जब रामजी त्रेतायुग में जन्मे तब ऋषियों को राक्षस खा जाते थे. ​कलयुग में कोई नहीं खाता. ऐसा आपने कहीं सुना नहीं होगा. 

प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि कलयुग बहुत सम्मानीय युग है. इसे तुम समझ नहीं पा रहे हो. 

पिछले युगों में मानसिक पाप का भी दंड भोगना पड़ता था, लेकिन कलयुग में शरीर से गलत काम पाप का दंड मिलता है. मानसिक पाप का दंड नहीं भोगना पड़ता.

कलयुग से श्रेष्ठ कोई युग नहीं है. सतयुग या त्रेतायुग में किसी भी पाप के लिए हजारों साल तक तपस्या करनी पड़ती थी, जबकि कलयुग में सिर्फ 24 घंटे नाम जाप करने से भगवान की कृपा मिल जाती है. 

जब हम पापाचरण करते हैं तब हर युग में कलयुग है और जब भजन करते हैं तब सब जगह पर सतयुग है. 

प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं खूब नाम जाप करें.