लक्ष्मण ही कर सकते थे मेघनाद का वध, 14 साल नहीं किए थे ये 3 काम
Aman Maheshwari
प्रभु श्रीराम को जब वनवास मिला था तो भाई लक्ष्मण भी उनके साथ वनवास के लिए गए थे. लक्ष्मण ने 14 सालों तक कठिन परिस्थिति में भगवान राम और माता सीता की सेवा की.
माता सीता के हरण के बाद भगवान राम का युद्ध रावण से हुआ था. इस दौरान रावण की सेना के बड़े-बड़े योद्धाओं और
श्रीराम के बीच युद्ध हुआ था.
रावण के पुत्र मेघनाद का युद्ध भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण से हुआ था. मेघनाद को इन्द्रजीत भी कहा जाता है. उसे परास्त करना इतना आसान नहीं था.
मेघनाद को प्रभु श्री राम भी नहीं मार सकते थे. उसे केवल लक्ष्मण ही मार सकते थे. ऋषि अगस्त्य ने इस बारे में बताया है कि ऐसा क्यों था.
मेघनाद ने इंद्र से अंतरिक्ष में युद्ध किया और उन्हें अपने साथ बांधकर लंका ले आया. उसने ब्रह्मा जी के दान में इंंद्र को मांगने पर उन्हें मुक्त किया था.
मेघनाद को केवल वहीं मार सकता था जो14 वर्षों तक सोया न हो. किसी स्त्री का मुख न देखा हो और 14 सालों से भोजन न किया हो. लक्ष्मण ने तभी मेघनाद का वध किया.
Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.