Jan 28, 2024, 08:07 AM IST

सोने की छेनी और चांदी की हथौड़ी से गढ़ी गई है रामलला की मूर्ति

Ritu Singh

अयोध्या के राम मंदिर में रामलला विराजमान विरजाम हो चुके हैं लेकिन क्या आपको पता हो कि रमलला की ये मूर्ति कैसे तराशी गई है.

गवान राम की मूर्ति कर्नाटक के अरुण योगीराज ने बनाई है और उन्होंने इसके लिए 7 महीने का समय लिया था.

 राम मंदिर ट्रस्ट ने पहले ही निर्देश दिया था कि रामलला की छवि एक बच्चे के रूप में होगी और नख से शिख तक 51 इंच की होगी. 

मूर्ति बनाने से पहले अरुण योगीराज ने स्वामीनारायण छप्पिया मंदिर और नैमिषारण्य मंदिर का दौरा किया और वहां के उत्तर भारतीय स्वरूप को समझा.

अरुण योगीराज ने किताबें पढ़ीं, रामायण की चौपाइयों का पाठ किया और संतों से चर्चा भी की.तब जाकर उन्होंने रामलला की मूर्ति को आकार देना शुरू किया.

भगवान की आंख बहुत ही विशेष आकार में बनाई गई है.  कर्मकुटी की विधि-विधान से पूजा करने के बाद सोने की छेनी और चांदी के हथौड़े से भगवान की आंखें गढ़ी गईं. 

बता दें कि अब अरुण योगीराज खुद अपनी बनाई की रामलला की मूर्ति को देखकर पहचान नहीं पा रहे हैं,

साज-ओ-श्रृंगार के बाद रामलला के हाव-भाव बदल गए हैं और उनमें प्राण आ गए हैं,