Aug 30, 2024, 12:33 PM IST

कर्म बड़ा या भाग्य, Premanand Maharaj ने खत्म किया संशय

Nitin Sharma

वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज के लाखों भक्त हैं, जो उनके दर्शन और प्रवचन सुनने के लिए पहुंचते हैं. 

प्रेमानंद महाराज राधेरानी का भजन सत्संग करने के साथ ही भक्तों के सभी सवालों का जवाब देते हैं.

ऐसे ही एक भक्त ने प्रेमानंद महाराज से पूछा कि कर्म बड़ा होता है या भाग्य और कर्म होता है तो पूजा पाठ करने के बाद भी दुख क्यों मिलता है. 

इस पर प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि जो अभी हम कर रहे हैं वह कर्म है और जो पहले कर्म किए हैं, उससे भाग्य बनता है.

जिसका उपभोग आप करेंगे. यही वजह है कि बहुत से लोग खूब अच्छा करने बाद भी इस जीवन में दुख पाते हैं, क्योंकि यह पिछले जन्म के कर्म हैं, जिनका फल मिल रहा है.

महाराज जी कहते हैं भाग्य का उपभोग करने के लिए कर्म तो करना ही पड़ेगा. उन्होंने आगे कहा कि सुख और दुख, पाप- पुण्य ये पहले से लिखा जा चुका है. इसे भाग्य कहते हैं.

प्रेमानंद जी महाराज ने कहा जो अभी हम कर रहे हैं वह कर्म है, लेकिन कर्म योग से आप भाग्य को बदल सकते हैं. 

कर्म योग भगवान की भक्ति और सही रास्ते पर चलने दूसरों की मदद करने से बनता है, जो आपके भाग्य को बदल सकता है.