श्रीराम ने माता सीता के धरती में समाने के बाद क्या किया था
Anamika Mishra
वाल्मीकि रामायण के अनुसार लव कुश द्वारा माता सीता के त्याग के बारे में सुनने के बाद भगवान श्रीराम ने महर्षि वाल्मीकि को संदेश भिजवाया कि यदि सीता पवित्र है तो वह अपनी पवित्रता की परीक्षा दें.
इसके बाद वाल्मीकि जी सीता जी को लेकर दरबार में प्रकट हुए और उन्होंने कहा कि सीता पूरी तरीके से पवित्र है.
लेकिन श्रीराम चाहते थे कि वह सभी के सामने अपनी पवित्रता की परीक्ष दें.
इसके बाद माता सीता ने धरती मां से प्रार्थना की कि यदि उनका चरित्र पवित्र है और श्रीराम के अलावा उन्होंने किसी पुरुष की चिंतन न किया हो तो माता उन्हें अपनी गोद में स्थान दें.
माता सीता के कहने पर धरती मां प्रकट हुईं और उन्होंने माता सीता को अपनी गोद में स्थान दिया इसके बाद मां सीता धरती में समा गईं.
माता सीता के धरती में समाते ही श्रीराम की आंखों से आंसू छलक उठे और उन्होंने धरती मां से या तो माता सीता को वापस लौटाने या खुद को भी ले जाने को कहा.
इस प्रकार माता सीता के वियोग में श्रीराम को विलाप करते देख सभी देवताओं ने उन्हें समझाया.
इसके बाद श्रीराम ने कई वर्षों तक राज किया इसके बाद अपने भाइयों के साथ जाके सरयू नदी में समाधि ले ली.
समाधि से पहले उन्होंने कुश को अयोध्या का शासन सौंपा और लव को लवपुरी का.