Sep 20, 2024, 01:05 AM IST

राम को कैसे मिला था रावण का वध करने वाला धनुष

Kuldeep Panwar

भगवान श्रीराम का जिक्र हो और उनके धनुष की बात ना हो ऐसा नहीं हो सकता, जिसने असंख्य राक्षसों को अंत करके पृथ्वी को सुरक्षित किया था.

क्या आप जानते हैं कि जिस धनुष से भगवान राम ने लंका में रावण का वध किया था, वो किस चीज का बना हुआ था और उन्हें कैसे मिला था?

भगवान श्रीराम के धनुष का नाम कोदंड था, जिसका अर्थ है बांस से बना हुआ. इससे निकला तीर लक्ष्य भेदी होता था यानी खाली नहीं जाता था. 

रामचरित मानस में तुलसीदास ने देव धनुष कोदंड की लंबाई करीब साढ़े पांच हाथ और इसका वजन करीब 100 किलोग्राम बताया है.

तुलसीदास ने कोदंड की शक्ति को इस श्लोक के जरिये बताया है- 'देखि राम रिपु दल चलि आवा। बिहसी कठिन कोदण्ड चढ़ावा।।' 

रामचरित मानस के मुताबिक, श्रीराम को कोदंड धनुष माता सीता के स्वयंवर में तब मिला था, जब उन्होंने भगवान शिव के 'पिनाक' धनुष को तोड़ दिया था.

स्वयंवर में भगवान श्रीराम ने पिनाक धनुष की प्रत्यंचा इतनी जोर से खींची के धनुष आसमान भेदने वाली आवाज करते हुए बीच में से टूट गया.

धनुष टूटने की गर्जना सुनकर महेंद्र पर्वत पर तपस्या कर रहे शिव भक्त भगवान परशुराम जनकपुर पहुंच गए, जहां टूटा धनुष देखकर वे क्रोधित हो गए.

प्रभु राम ने परशुराम को अपना 'असली रुप (विष्णु अवतार)' बताने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने इस पर यकीन करने से इंकार कर दिया.

परशुराम ने राम को भगवान विष्णु का 'कोदंड' धनुष देकर प्रत्यंचा चढ़ाने को कहा. राम ने मंद-मंद मुस्काते हुए कोदंड हाथ में लेकर प्रत्यंचा चढ़ा दी.

राम ने इसके बाद कहा कि कोदंड पर प्रत्यंचा चढ़ती है तो बाण अवश्य छूटता है. यही इस अमोघ धनुष की खासियत है. बताइए बाण कहां चलाऊं?

राम ने परशुराम से कहा- मैं ब्रह्महत्या तो नहीं कर सकता. इसलिए बाण से उनके मन की गतिे से कहीं आने-जाने या उनका तपोबल खत्म करने में से एक विकल्प बताइए.

परशुराम ने अपने तपोबल का त्याग किया, जिससे उनका क्रोध भी शांत हो गया और उन्होंने कोदंड को राम को ही सौंप और महेंद्र पर्वत लौट गए.

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