Aug 28, 2024, 09:22 AM IST

बहुत सख्त होते थे कोप भवन के नियम, रानियों की जान तक चली जाती थी

Ritu Singh

रामायण में भगवान राम को वनवास भेजने के लिए कैकयी कोप भवन में चली गई थीं.

लेकिन क्या आपको पता है कि कोप भवन के बहुत सख्त नियमों का पालन करना होता था.

कई बार कोप भवन में इन सख्त नियमों का पालन करते हुए रानियों की जान तक चली जाती थी.

कैकयी तक को कोप भवन में कई कष्ट उठाने पड़े थे. क्या थे कोप भवन के नियम और कहां होता था कोप भवन, चलिए जानें

कोप भवन एक ऐसी इमारत थी जहां शाही परिवार के असंतुष्ट सदस्य अपना गुस्सा जाहिर करते थे,

कोप भवन कोई साधारण कमरा नहीं था जहां रानियां केवल एकांतवास के लिए जाती थीं, बल्कि इस कमरे के कुछ नियम होते थे.

इस भवन में प्रवेश करने से पहले रानी को अपने सभी शाही कपड़े और गहने त्यागने पड़े. 

वह अपने बाल खुले रखती थी, सारा श्रृंगार त्याग देती थी और जब तक उसमें रहती थी तब तक शोक की स्थिति में रहती थी. 

वह न तो खाना चाहती थी और न ही राजसी सुख भोगना चाहती थी. वह खुद को उस कमरे में बंद कर लेती थी.

कोप भवन महलों के निकट बनाया जाता था, जहां सर्वत्र अंधेरा रहता था तथा कमरों में विलासिता का अभाव था. कमरा कालकोठरी जैसा था.

राजा के अतिरिक्त किसी को भी वहां प्रवेश की अनुमति नहीं थी. यदि राजा नहीं गये तो रानी अपना शरीर त्याग देती थीं.

क्योंकि राजा न जाए तो रानी वहां से लौट कर महल नहीं आ सकती थी, वह तभी आती थी जब राजा उसे मनाकर लाता था.