कुंभ मेले के बाद कहां गायब हो जाते हैं नागा साधु? क्या है इनका रहस्य
Aman Maheshwari
अक्सर लोग नागा साधुओं को हैरत भरी नजरों से देखते हैं. यह नागा साधु महाकुंभ और अर्धकुंभ के मौके पर खूब नजर आते हैं.
लेकिन यह कुंभ के बाद गायब हो जाते हैं. सभी नागा साधु किसी न किसी अखाड़े, मंदिर या आश्रस से जुड़े होते हैं. इनका जीवन रहस्यमयी होता है.
सभी नागा साधु समूहों में रहते हैं और कुंभ मेले के बाद तपस्या के लिए गुफाओं में चले जाते हैं. यह लोग यहां भी एक जगह नहीं रहते हैं.
नागा बाबा एक गुफा से दूसरी गुफा चले जाते हैं. यह लोग सन्यांसी भेष में गुप्त स्थानों पर तपस्या करते हैं.
इनके खाने की बात करें तो नागा बाबा कंदमूल फल, पत्तियों, फूलों और जड़ी-बूटियों को खाते हैं. यह लोग इन्हें से अपना गुजारा करते हैं.
यह लोग बहुत ही कठोर जीवन जीते हैं. नागा साधु जमीन पर ही सोते हैं यह खाट पर नहीं सोते हैं. ऐसा करना इनके लिए वर्जित होता है.
अपने भोजन के लिए यह लोग भिक्षा भी मांगते हैं. इन्हें भिक्षा में जो मिले वहीं खाना पड़ता है. यह दिन में एक बार ही भोजन करते हैं. यह एक बार में 7 घरों से ही भिक्षा ले सकते हैं.
बता दें कि, जो नागा साधु अंखाड़ों से जुड़े हुए हैं. वह सभी लोग गुजरात, काशी, हिमालय और उत्तराखंड में रहते हैं. यह कुंभ के समय रहस्यमयी तरीके से वहां पहुंच जाते हैं.
Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.