शिव जी ने किया था श्रीकृष्ण के मित्र सुदामा का वध, जानें क्यों?
Aman Maheshwari
हिंदू धर्म ग्रंथों में कृष्ण और सुदामा की मित्रता के कई किस्से सुनने को मिलते हैं. सुदामा श्रीकृष्ण के भक्त होने के साथ उनके मित्र भी थे.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, सुदामा विराजा के साथ स्वर्ग के विशेष भाग गोलोक में रहते थे. लेकिन विराजा कृष्ण जी को चाहती थीं एक बार कृष्ण को विराजा से प्रेम करते राधा ने देख लिया था.
राधा ने गुस्से में विराजा को पृथ्वी पर आने का श्राप दिया और सुदामा को भी श्राप दिया था. जिसके बाद विराजा का जन्म तुलसी और सुदामा का जन्म राक्षस शंखचूड़ के रूप में हुआ.
शंखचूड़ का तुलसी से विवाह हुआ, शंखचूड़ ने ब्रम्हा की तपस्या करके अजेय होने का वरदान हासिल कर लिया. जिसके बाद तीनों लोकों पर अपना स्वामित्व स्थापित कर लिया.
शंखचूड़ के अत्याचारों से मानव और देवता परेशान हो गए. देवताओं ने शिव जी से मदद मांगी लेकिन श्रीकृष्ण कवच और तुलसी के पतिव्रत धर्म होने के कारण वह उसका वध नहीं कर पाए.
भगवान विष्णु ने ब्राह्मण का रूप धारण कर शंखचूड़ से श्रीकृष्णकवच दान में लिया और तुलसी के शील का हरण किया. जिसके बाद शिव जी ने सुदााम के पुनर्जन्म का वध किया था.
Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.