Aug 11, 2024, 01:59 PM IST

वासुकी नाग को अपनी ही मां से क्यों मिला जिंदा जलने का श्राप

Anamika Mishra

पौराणिक कथाओं के अनुसार नागमाता कद्रु ने नागों को इस ब्रह्मांड में जन्म दिया था. 

लेकिन एक बार किसी बात पर नागमाता इतनी क्रोधित हो गईं कि उन्होंने अपने ही बच्चे को जिंदा जलकर खत्म हो जाने का श्राप दे दिया. 

महाभारत के अनुसार महर्षि कश्यप की 13 पत्नियां थीं, इन्हीं में से दो पत्नियों कद्रु और विनता भी थीं. 

कद्रु ने 1000 नागों को ब्रह्मांड में जन्म दिया और विनता ने गरुड़ और अरुण नाम के पक्षियों को जन्म दिया.

कद्रु हमेशा विनता से जलती थी और चाहती थी की विनता उसकी दासी बन जाए.

एक बार की बात है समुद्र मंथन से सफेद घोड़ा निकला उसे देखकर कद्रु ने कहा कि घोड़े की पूंछ काली है और विनता ने कहा सफेद, इसी बात को लेकर दोनों के बीच शर्त लगी. 

कद्रु ने शर्त जीतने के लिए अपने नाग पुत्रों से कहां की वह घोड़े की पूंछ पर जाकर लिपट जाएं ताकि पूंछ काली नजर आए. 

कई नागों ने अपनी नागमाता की बात मान ली, लेकिन उनके सबसे बड़े पुत्र शेषनाग और वासुकी समेत कुछ नागों ने यह बात नहीं मानी. 

इस बात से क्रोधित कद्रु ने बात न मानने वाले नागों को श्राप दे दिया कि ये सभी नाग पांडव वंशी राजा जनमेजय के नागयज्ञ में जलकर भस्म हो जाएंगे. 

अंत में कद्रु का यह श्राप सच साबित हुआ. तक्षक नाग के परीक्षित को काटने से क्रोधित जयमेजय ने यज्ञ किया, इसके बाद उनकी इस अग्नि में अनगिनत सांप जलकर भस्म हो गए.