Jul 3, 2024, 08:42 AM IST

महाभारत में 10वां दिन क्यों था यादगार?

Ritu Singh

महाभारत युद्ध 18 दिनों तक चला था लेकिन 10 वां दिन कौरव और पांडवों दोनो के लिए ही बेहद दुखदाई था.

वहीं, महाभारत के 10 वें दिन ही एक ऐसे योद्धा की एंट्री हुई जो युद्ध कुछ शर्तों के चलते वंचित था.

असल में महाभारत के दसवा दिन ही भीष्म का आखिरी युद्ध था, क्योंकि शिखंडी के सामने आते ही भीष्म ने अपने हथियार जमीन पर डाल दिए थे.

इसके बाद अर्जुन ने भीष्म को बाणों की शैय्या पर लिटा दिया था और भीष्म युद्ध भूमि में ही जमीन पर गिर गए थे.

उधर, भीष्म के युद्ध में गिरने के साथ ही दसवें दिन दुर्योधन के मित्र कर्ण की एंट्री का रास्ता साफ हुआ था.

कर्ण तब तक युद्ध में शामिल नहीं हो सकता था जब तक भीष्म कौरवों के महासेनपति थे.

इसी शर्त पर भीष्म कौरवों के पक्ष में युद्ध लड़ने के राजी हुए थे.

यही कारण है कि महाभारत का दसवां दिन यादगार था. एक वीर योद्धा युद्ध से बाहर हुआ था और दूसरे योद्धा को महाभारत में एंट्री मिली थी.