क्रिकेट में काली और लाल मिट्टी की पिच में क्या होता हैं अंतर?
Mohd Sabir
भारत और बांग्लादेश के बीच पहला टेस्ट चेन्नई में गुरुवार 19 सितंबर के खेला जाएगा.
चेन्नई के एमए चिदंबरम की लाल मिट्टी की पिच काफी सुर्खियों में रहती है.
वहीं आज हम आपको काली और लाल मिट्टी की पिच के अंतर के बारे में बताने जा रहे हैं.
आइए जानते हैं कि लाल और काली मिट्टी की पिचों में क्या अंतर होता है.
लाल मिट्टी की पिच की बात करें, तो लाल मिट्टी की पिच पानी बहुत कम सोखती है और इसी वजह से ये सूखने लगती है. टेस्ट मैचों में 3-4 दिन पिच पर बड़ी-बड़ी दरारे पड़ जाती है.
लाल मिट्टी की पिच पर शुरुआत में काफी उछाल देखा जाता है, लेकिन दरार पड़ने के बाद ये पिच स्पिनर्स को मदद देने लगती है.
वहीं काली मिट्टी की बात करें तो, लाली पिट्टी की तुलना में काली मिट्टी की पिच पानी बहुत ज्यादा सोखती है. इसी कारण पिच पर दरार नहीं पड़ती है.
काली मिट्टी की पिच पर ही बल्लेबाजों को सलाह दी जाती है कि वो इसपर बैटिंग करें. क्रीज पर ज्यादा से ज्यादा देर समय बिताने को कहा जाता है. हालांकि यहां शुरुआत से ही स्पिनर्स को मदद मिलती है.