Aug 24, 2023, 07:58 PM IST

कौन हैं चैस वर्ल्ड कप फाइनल में हारने वाले प्रज्ञाननंदा

Kuldeep Panwar

भारतीय ग्रैंडमास्टर रमेशबाबू प्रज्ञाननंदा फिडे चैस वर्ल्ड कप फाइनल में वर्ल्ड नंबर-1 मैग्नस कार्लसन से हार गए हैं.

18 साल के प्रज्ञाननंदा ने कार्लसन को दो बाजी ड्रॉ खेलने पर मजबूर किया, लेकिन वे टाईब्रेकर में हार गए.

हारकर भी प्रज्ञाननंदा की तारीफ हो रही है. FIDE ने उन्हें विलक्षण बताया है. उनकी 10 खास बात आपको बताते हैं.

प्रज्ञाननंदा का जन्म 10 अगस्त 2005 को चेन्नई में हुआ था. उन्होंने चैस की ट्रेनिंग आरबी रमेश से ली है.

पूरी दुनिया में चैस दिग्गज के तौर पर मशहूर प्रज्ञाननंदा को अपने खेल से भी ज्यादा क्रिकेट पसंद है.

प्रज्ञाननंदा ने महज 3 साल की उम्र में अपनी बहन वैशाली को चैस खेलते देखकर इस खेल से नाता जोड़ लिया था.

6 साल की वैशाली को चैस कार्टून फिल्में देखने की लत छुड़ाने के लिए सिखाया गया, लेकिन प्रज्ञान खुद ही खेलने लगे.

गरीबी के कारण प्रज्ञाननंदा के पिता नहीं चाहते थे कि वे चैस खेलें, लेकिन उनकी रूचि देखकर बाद में मान गए.

चेन्नई निवासी प्रज्ञाननंदा के पिता का नाम रमेशबाबू है, जबकि उनकी मां का नाम नागलक्ष्मी है.

प्रज्ञाननंदा ने 2018 में 12 साल की उम्र में ही प्रतिष्ठित ग्रैंडमास्टर खिताब हासिल कर लिया था, जो नया भारतीय रिकॉर्ड है.

ग्रैंडमास्टर बनने वाले प्रज्ञाननंदा तब भारत के सबसे कम उम्र और दुनिया के दूसरे सबसे कम उम्र चैस प्लेयर थे.

2022 में प्रज्ञाननंदा ने सबको चौंका दिया था, जब उन्होंने 16 साल की उम्र में वर्ल्ड नंबर-1 मैग्नस कार्लसन को हराया था.

कार्लसन को हराने वाले प्रज्ञाननंदा तीसरे भारतीय हैं. उनसे पहले विश्वनाथन आनंद और पी. हरिकृष्णा ने ऐसा किया है.

5 बार के वर्ल्ड चैंपियन विश्वनाथन आनंद भी प्रज्ञाननंदा के फैन हैं और उनकी जगह-जगह तारीफ करते रहते हैं.