चांद पर चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम की ऐतिहासिक लैंडिंग के बाद से ही हर किसी की नजर इसी पर टिकी हुई है. हर कोई जानना चाहता है कि किसी भारतीय को लेकर Chandrayaan पहली बार चांद पर कब जाएगा.
पीएम मोदी की केंद्र सरकार ने अब इस बारे में अपनी प्लानिंग सभी के साथ साझा कर दी है, जिसमें अंतरिक्ष में पहला स्टेशन बनाने से लेकर पहला अंतरिक्ष यात्री भेजने तक की डेडलाइन शामिल है.
सरकार ने बताया है कि हम अंतरिक्ष में अपना रुतबा बनाने की तरफ काम कर रहे हैं. इसके लिए साल 2035 तक भारत का अपना अंतरिक्ष स्टेशन सितारों के बीच स्थापित करने की योजना है.
सरकार ने अंतरिक्ष विभाग को अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की योजना पर काम करने के साथ ही कई अन्य निर्देश भी दिए हैं. इनमें साल 2040 तक चांद पर पहला भारतीय अंतरिक्ष यात्री भेजने की योजना भी शामिल है.
पीएम मोदी ने अंतरिक्ष विभाग को इन दोनों मिशन में जुटने का आदेश दिया है. विभाग को चंद्रमा पर खोज करने के लिए रोडमैप बनाने का निर्देश दिया गया है.
सरकार ने बताया कि चांद पर खोज के साथ ही पीएम मोदी ने अंतरिक्ष विभाग के वैज्ञानिकों को शुक्र और मंगल ग्रह पर खोज करने वाले मिशन तैयार करने का भी निर्देश दिया है.
अगस्त में भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO के वैज्ञानिकों ने तब इतिहास रच दिया था, जब चांद पर चंद्रयान-3 के लैंडर ने सॉफ्ट लैंडिंग की थी. भारत ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बना था.
चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा है, जहां लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग कराने वाला भारत दुनिया का पहला देश बना है. इसी दौरान रूस अपना लैंडर चांद पर उतारने में फेल हो गया था.
भारतीय वैज्ञानिकों की मेहनत असल रंग तब लाई थी, जब विक्रम लैंडर के रोवर प्रज्ञान ने चांद पर कई तरह के खनिजों और गैसों की मौजूदगी का पता लगाया था. इनमें ऑक्सीजन भी शामिल है.
भारतीय वैज्ञानिक इसके बाद सूर्य की स्टडी करने के लिए आदित्य L-1 यान भी सफलतापूर्वक लॉन्च कर चुके हैं. अब पहली बार अंतरिक्ष में किसी भारतीय को भेजने के परीक्षण चल रहे हैं.