Jul 13, 2024, 09:26 AM IST

इस Sex Worker के नाम से कांपती थी चीन की सेना

Kuldeep Panwar

समुद्री डाकुओं के सरदार की बात चले तो हम घनी सी दाढ़ी-मूंछ रखने वाले किसी पुरुष के बारे में ही सोचेंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं सबसे खतरनाक समुद्री डाकू सरदार एक महिला थी.

ऐसी महिला समुद्री डाकू, जिसके पास 1800 से ज्यादा जहाज और 80,000 से ज्यादा डाकुओं की फौज थी और चीन समेत बड़े-बड़े देशों की सेनाएं उससे कांपती थी.

हम बात कर रहे हैं चिंग शी की, जिसे झेंग यी साओ भी कहा जाता है, जिसने सेक्सवर्कर से समुद्री डाकुओं की सरदार तक का सफर तय किया.

शिनहुई के ग्वांगडोंग में 1775 में जन्मी चिंग शी को 6 साल की उम्र में कैंटोनीज शहर में हाउसबोट जैसे वेश्यालय में सेक्स वर्कर बनना पड़ा.

इस दौरान चिंग शी की मुलाकात 1801 में अपने समय के सबसे चर्चित समुद्री डाकू झेंग यी से हुई, जिसने चिंग के सामने शादी का प्रस्ताव रख दिया.

26 साल की चिंग शी को झेंग यी ने हमेशा जीती हुई संपत्ति का आधा हिस्सा देने का वादा किया, जो उन्हें पसंद आया और वे शादी को तैयार हो गईं.

1802 में झेंग यी के रिश्तेदार झेंग की को ग्वेन साम्राज्य ने मार दिया. झेंग यी ने उनके समुद्री डाकुओं को भी अपने दल का हिस्सा बना लिया.

चिंग शी ने देह व्यापार में बने संबंधों से दक्षिण चीन सागर के सभी समुद्री डाकू गुटों को झेंग यी के नेतृत्व में एकजुट कर डाकू महासंघ बना लिया.

चिंग शी के इस कदम से झेंग यी 80,000 समुद्री डाकुओं और 1,800 से अधिक जहाज वाले रैड फ्लैग समूह के ताकतवर पाइरेट नेता बन गए, जिनकी बात सब सुनने लगे.

1807 में झेंग यी का 42 साल की उम्र में निधन हो गया. चिंग शी ने झेंग यी के गोद लिए बेटे झांग बाओ को अपनी कठपुतली बनाकर सरदार बना दिया.

झांग बाओ नाम के नेता थे. पीछे से चिंग शी ही सरदार थी. उसका आदेश टालने वाले को कान काटने से लेकर नंगा घुमाने के बाद मारने तक की सजा दी जाती थी.

चिंग शी के नेतृत्व में 1808 में रैड फ्लैग समूह ने चीनी जनरल लिन गुओलियांग के जहाजों पर हमला किया और 35 युद्धपोत नेस्तनाबूद कर दिये.

इसके बाद चिंग शी ने दक्षिण चीन सागर पर पूरी तरह कंट्रोल बना लिया और चीन के ही नहीं पुर्तगाल-ब्रिटेन के जहाजों से भी जमकर लूट की.

चिंग शी ने चीन के क्विंग राजवंश की नौसेना को भी हरा दिया. इसके बाद चीनी सम्राट ने उन्हें अपने बेड़े में शामिल होने का प्रस्ताव दिया.

पुर्तगाली सेनाओं के अचानक हुए हमले से नुकसान के बाद चिंग शी ने चीनी सम्राट का प्रस्ताव मान लिया और 20 अप्रैल, 1810 को सरेंडर कर दिया.

चिंग शी ने झांग बाओ के अलावा 17,000 से अधिक समुद्री डाकुओं, 226 युद्धपोतों, 1,300 तोपों और 2,700 हथियारों के साथ सरेंडर किया था.

झांग बाओ को चीनी सम्राट ने अपने लेफ्टिनेंट बना लिया. इसके बाद चिंग और झांग ने शादी कर ली. दोनों का एक बेटा व एक बेटी पैदा हुई.

1822 में 36 साल की उम्र में झांग बाओ की मौत होने पर चिंग शी ने ग्वांगडोंग लौटकर कैसीनो और वेश्यालय खोल लिया.

साल 1844 में कई साम्राज्यों की सेनाओं को धूल चटाने वाली चिंग शी आखिरकार 69 साल की उम्र में हमेशा के लिए मौत की नींद सो गई.