Sep 12, 2024, 03:55 PM IST

कैसी होती हैं यहूदियों की शादियां, मंडप भी होते हैं और फेरे भी

Aditya Prakash

दुनिया के दूसरे धर्मों के प्रकार ही यहूदी समुदाय में भी विवाह को एक पवित्र बंधन समझा जाता है. 

यहूदी धर्म के वैवाहिक रिवाज बहुत ज्यादा दूसरे धर्मों के तौर-तरीके से मिलते-जुलते हैं.

यहूदियों की शादियां तो इतनी जानी पहचानी लगेंगी कि आपको लगेगा कि अरे ये तो हमारे घर की शादियों जैसा ही है. 

हालांकि दुनिया के अन्य धर्मों की तरह यहूदियों में कुछ रस्मों और रीति रिवाज में अंतर भी देखने को मिलता है. 

भारत के यहूदी धर्म में शादी को बेहद खास माना जाता है. शादी उनकी जिंदगी के लिए बेहद खास रिवाज है.

यहूदियों के वैवाहिक रिवाज जहां पर होता है, उस जगह को चुप्पाह कहा जाता है.

चुप्पाह एक प्रकार का मंडप है, जहां पर यहूदी वर और कन्या शादी के दौरान एक साथ बैठते हैं.

हिंदू शादियों में लगाया जाता है. शादी की ज्यादातर रस्में चुप्पाह में ही होती हैं. दूल्हा और दुल्हन चुप्पाह के चारों ओर चक्कर लगाते हैं.

सात चक्कर पूर्णता को दर्शाते हैं और यह अवधारणा यहूदियों के बाइबिल से निकली है. हिंदूओं के वैदिक रीति-रिवाजों में भी सात फेरे या सप्तपदी होती है.