आपने खेतों में हर तरह की फसल उगती देखी होगी, लेकिन एक गांव में सांपों की खेती किसी भी दूसरी आम फसल की तरह की जाती है.
चीन के जिसिकियाओ गांव में King Cobra ही नहीं अजगर, वाइपर जैसी अलग-अलग नस्लों के 30 लाख सांप हर साल पैदा किए जाते हैं.
जिसिकियाओ गांव की यह सांप की खेती (Snake Farming) ही यहां रहने वाले 1,000 से ज्यादा लोगों की रोजी-रोटी का जरिया है.
किंग कोबरा जैसे खतरनाक सांपों को केंचुओं की तरह पैदा कर बेचने के लिए इस गांव में 100 से ज्यादा फार्म हैं, जो सांप की खेती करते हैं.
इन फार्म में अलग-अलग नस्लों के सांपों के अंडे जमा किए जाते हैं. इसके बाद उन अंडों से बच्चे निकलने तक देखभाल की जाती है.
अंडों से सांप के बच्चे यानी संपोले निकलने पर उनकी देखभाल शुरू होती है. उन्हें शीशे या लकड़ी के छोटे-छोटे बक्सों में पाला जाता है.
संपोलों के बड़ा होकर सांप बनने तक इनके खाने-पीने का ध्यान उसी तरह रखा जाता है, जैसे किसी फसल में खाद-पानी लगाया जाता है.
इन सांपों की मांग बहुत सारे देशों में होती है. इनमें अमेरिका, रूस, फ्रांस, जर्मनी, कोरिया हैं. इन देशों में सांप प्लास्टिक थैली में पैक करके भेजे जाते हैं.
आप सोच रहे होंगे कि इन सांपों का क्या किया जाता है तो बता दें कि सांप का जानलेवा जहर कई तरह की दवाई बनाने में इस्तेमाल होता है.
कैंसर सेल्स को मारने के लिए कीमोथेरेपी में यूज होने वाली कीमो भी सबसे ज्यादा जहरीले सांपों के जहर से ही तैयार की जाती है.
आप सोच रहे होंगे कि भला सांप को पालने में इन लोगों को कितनी कमाई होती होगी तो बता दें कि यह गांव हर साल करोड़ों डॉलर कमाता है.