May 2, 2024, 08:09 PM IST

कोई रिश्ता कोई बंधन नहीं है, मुझे घर जाने का अब मन नहीं है, कुछ ऐसा है इस शायर का अंदाज

Puneet Jain

आज के दौर में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो शायरी और गजलों का दीवाना न हो.

कवि व शायर बनने की इस दोड़ में कई युवाओं ने मोर्चा संभाला हुआ है.

ऐसे ही एक युवा शायर के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं, जिनकी गजलें अपने में बेमिसाल हैं.

भारत के मध्य प्रदेश के सोनकच्छ में जन्में इस युवा शायर का नाम गुंजन नागर है.

आइए देखते हैं मोहब्बत से भरपूर उनकी कुछ प्यार भरी गजलें, और जानते हैं कि प्यार को लेकर उनका क्या कुछ कहना है.

अच्छी नहीं  आती हो जाती हो लेकिन दिखती नहीं  मुझ से इतनी आँख-मिचोली अच्छी नहीं   

दिलबर से हम क्या गिला करते भी दिलबर से हम दिल लगा बैठे थे पत्थर से हम

 याद आया चश्म-तर को फिर हमसफ़र याद आया भूलना चाहा वो मगर याद आया

सफ़र में  रहे जितना क़रीब उन के सफ़र में  गिरे उतना ही हम उन की नज़र में

न होंगे  हम उन के जब तलक मरहम न होंगे  मसाइल तब तलक ये कम न होंगे