Dec 27, 2023, 11:38 PM IST

बाबर के वंशजों को मुगल नाम कैसे मिला

Kuldeep Panwar

मुगल वंश भारत के मुस्लिम शासकों में सबसे ताकतवर और सबसे ज्यादा समय तक राज करने वाली सल्तनत का मालिक साबित हुआ था, जिसकी स्थापना उज्बेकिस्तान से आकर बाबर ने की थी.

बाबर के दिल्ली का सिंहासन जीतने से पहले मुगल सल्तनत जैसा कोई शब्द नहीं था, फिर उसके वंशजों को मुगल क्यों कहा गया? क्या आप इसका जवाब जानते हैं?

बाबर के वंशजों को मुगल क्यों कहा गया, इस सवाल का जवाब हम आपको बताते हैं. यह जवाब बाबर के उन पूर्वजों से जुड़ा हुआ है, जिन्हें दुनिया का सबसे बड़ा लुटेरा माना जाता था.

बाबर के पिता तैमूर वंश की 5वीं पीढ़ी थे तो मां चंगेज खान के मंगोल वंश की 14वीं पीढ़ी से थीं. मंगोलिया के चंगेज खान को दुनिया का सबसे क्रूर और बड़ा लुटेरा माना जाता है.

चंगेज खान के कारण ही बाबर के वंशजों को भारत में मुगल कहा गया था. फारसी भाषा में मंगोल को मुग कहा जाता है. बाबर को इसी कारण पर्शियाई भाषा में मुगल यानी मंगोलों का वंशज कहा गया, जो उनकी सल्तनत का नाम बन गया.

बाबर ने 1526 में पानीपत की पहली लड़ाई में इब्राहिम लोधी को हराकर दिल्ली का राज हासिल किया था. इसके बाद करीब 450 साल तक मुगल वंश ने भारत में राज किया था.

इतिहासकारों का मानना है कि अपनी बुलंदी के दिनों में मुगल सल्तनत के कब्जे में दुनिया की एक चौथाई से ज्यादा दौलत थी, जिनमें कोहिनूर हीरा भी शामिल था.

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि भारत में सबसे लंबा मुस्लिम राज स्थापित करने वाले बाबर की जिंदगी यहां महज चार साल की ही रही. 1526 में भारत आए बाबर की 1530 में मौत हो गई थी.

मुगल वंश के पहले शासक बाबर की मौत के बारे में प्रसिद्ध है कि उसने बेटे हूमायूं की बीमारी पर भगवान से मन्नत मांगी कि बदले में मेरी जिंदगी ले लो. हूमायूं ठीक होते चले गए और बाबर बीमार होता चला गया और आखिर में मर गया.