Dec 29, 2023, 03:17 PM IST

कितनी दूर तक सुनाई देगी राम मंदिर के घंटे की आवाज

Kuldeep Panwar

अयोध्या में राम जन्म भूमि पर भव्य राम मंदिर लगभग तैयार हो चुका है, जिसमें 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. इसके लिए खास तैयारियां चल रही हैं.

करीब 70 एकड़ परिसर में 2.7 एकड़ जमीन पर बन रहे भव्य राम मंदिर का हर कोना अभूतपूर्व बनाए जाने की तैयारियां चल रही हैं. इसके लिए हर तरफ कुछ न कुछ खास किया जा रहा है.

मंदिर का निर्माण जहां राजस्थान के बंसी पर्वत के बलुआ पत्थरों से किया जा रहा है तो इसके खिड़की-दरवाजे तैयार करने के लिए महाराष्ट्र से सागौन की खास लकड़ी मंगाई गई है.

किसी भी मंदिर का सबसे अनूठा और सबसे खास हिस्सा होता है उसमें लगने वाला घंटा. सुबह-सुबह घंटे की गूंज से ही भक्तों को प्रभु के दर्शन की शुरुआत का पता चलता है.

अयोध्या के राम मंदिर का घंटा भी ऐसा अनूठा बनाया गया है कि उसकी एक गूंज पर पूरे अयोध्या ही नहीं बल्कि फैजाबाद को भी मंदिर के कपाट खुलने की जानकारी मिल जाया करेगी.

राम मंदिर के अंदर लगाने के लिए खासतौर पर 2,100 किलोग्राम का अष्टधातु का घंटा बनवाया गया है, जिसे उत्तर प्रदेश के ही एटा जिले के जलेसर में तैयार किया गया है.

इस घंटे को जलेसर की मित्तल फैक्ट्री में अंतिम रूप दिया जा रहा है. इसका निर्माण सोना, चांदी, कॉपर, जिंक, लेड, टिन, आयरन और मरकरी को मिलाकर तैयार की गई अष्टधातु से हो रहा है.

फैक्ट्री मालिकों का दावा है कि इस घंटे को अगले कई सौ साल तक भी जंग या किसी अन्य तरह का नुकसान नहीं होगा. साथ ही इसे बजाने पर गूंज मंदिर से 15 किलोमीटर के दायरे में सुनाई देगी.

दावा किया जा रहा है कि करीब 25 लाख रुपये की लागत से तैयार हुआ यह घंटा देश के किसी भी मंदिर में अब तक लगा सबसे बड़ा घंटा होगा.

फैक्ट्री के मालिक आदित्य मित्तल के मुताबिक, 15 फुट व्यास और 5 फुट अंदरूनी चौड़ाई और 6 फुट ऊंचाई वाले इस घंटे को 3 महीने में 400 कारीगरों ने रात-दिन लगातार काम करके तैयार किया है. 

जलेसर में तैयार किया गया यह घंटा हिंदू-मुस्लिम सौहार्द की भी मिसाल है, क्योंकि इसे बनाने वाली कारीगरों में दोनों ही धर्मों के लोग शामिल हैं. 

राम मंदिर में इस विशाल घंटे के अलावा भी 10 बड़े घंटे लगेंगे, जिनका वजन 100 किलो से लेकर 500-600 किलो तक है. इनमें तमिलनाडु से दान में आया 613 किलो का घंटा भी खास है.

तमिलनाडु के रामेश्वरम से 4,500 किलोमीटर दूर राम मंदिर के लिए भेजा गया 613 किलोग्राम का यह घंटा कांसे का बना है. दावा है कि इसे बजाने पर भी 'ऊं' जैसी गूंज 10 किलोमीटर तक सुनेगी.