Aug 15, 2024, 11:59 PM IST

आजाद भारत की 'गुलाम' रेल, आज भी जिसका 'लगान' वसूलते हैं अंग्रेज

Kuldeep Panwar

आजादी के 78 साल पूरे हो गए हैं, लेकिन आज भी देश की एक जगह अंग्रेजों के कब्जे में है. इस जगह के लिए भारत हर साल 'लगान' देता है.

दरअसल एक रेलवे ट्रैक पर आज भी ब्रिटिश कंपनी का मालिकाना हक है. इस पर ट्रेन चलाने के लिए कंपनी को करोड़ों रुपये मिलते हैं.

यह रेलवे ट्रैक महाराष्ट्र में है, जिसे 'शकुंतला रेलवे ट्रैक' के नाम से जानते हैं और इस पर 'शकुंतला एक्सप्रेस' ट्रेन चलाई जाती है. 

यह 190 किलोमीटर लंबा रेलवे ट्रैक महाराष्ट्र के यवतमाल से अचलपुर के बीच बिछा हुआ है और इस पर नैरोगेज यानी छोटी लाइन की ट्रेन चलती है.

यह रेलवे ट्रैक 1903 में सेंट्रल प्रोविंसेस रेलवे कंपनी (CPRC) ने बनाया था, जो ब्रिटेन की क्लिक निक्‍सन एंड कंपनी की भारतीय शाखा है.

इस रेल लाइन को बिछाने का मकसद विदर्भ के अमरावती इलाके के किसानों की कपास को इंग्लैंड भेजने के लिए मुंबई के बंदरगाह तक ढोना था.

साल 1952 में भारत सरकार ने भारतीय रेलवे का अधिग्रहण कर लिया, लेकिन इस रेलवे लाइन का मालिकाना हक आज भी CPRC पर ही है.

CPRC की इस रेल लाइन पर भारतीय रेलवे दिन में एक ट्रेन शकुंतला एक्सप्रेस चलाता है, जिसके लिए उसे हर साल 1.20 करोड़ रुपये मिलते हैं.

यवतमाल से अचलपुर के बीच 190 किमी का सफर 6-7 घंटे में पूरा करने वाली यह ट्रेन रास्ते में 17 स्टेशनों के पैसेंजर्स की लाइफलाइन थी.

भारतीय रेलवे से 1.20 करोड़ रुपये लेकर भी CPRC ने इस रेलवे लाइन की कभी मरम्मत नहीं कराई, जिसके चलते फिलहाल इस पर ट्रेन बंद है.