नेपाल के जानकी मंदिर जनकपुर के महंत रामरोशन दास वैष्णव के मुताबिक, रामचरितमानस में भी लिखा है - देखन बागु कुंवर दुइ आए, बय किशोर सब भांति सुहाए, श्याम गौर कीमि कहीं बखानी, गिरा अनयन नयन बिनु बानी...बागु तड़ागु बिलोकि प्रभु हरषे बंधु समेत, परम रम्य आरामु यहु जो रामहि सुख देत।