Nov 5, 2023, 11:48 PM IST

महापापी दुर्योधन को स्वर्ग में मिली थी जगह, सब दुर्गुणों पर भारी पड़ा एक गुण

DNA WEB DESK

महाभारत में दुर्योधन का किरदार ऐसा है जो शुरू से आखिरी तक खलनायक की ही तरह रहा. 

दुर्योधन ने पांडवों से छल करने के अलावा अपनी भाभी द्रौपदी के चीरहरण जैसे कई अपराध किए थे. 

इसके बावजूद भी उसकी मौत के बाद उसे नरक में जगन नहीं मिली बल्कि स्वर्ग में जगह दी गई थी. 

धर्मराज युधिष्ठिर ने जब दुर्योधन को स्वर्ग में देखा तो हैरान रह गए और उन्होंने पूछा कि किस आधार पर उसे यहां जगह मिली है. 

धर्मराज ने बताया कि दुर्योधन को स्वर्ग में इसलिए जगह मिली क्योंकि वह युद्ध में लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुआ था. 

दुर्योधन ने आजीवन क्षत्रिय धर्म का पालन किया और युद्ध में लड़ते हुए वीरगति पाने की वजह से उसे स्वर्ग में जगह मिली. 

नारद मुनि ने बताया कि दुर्योधन को बचपन से अच्छे संस्कार नहीं मिले थे लेकिन उसके स्वभाव में दृढ़ संकल्पित होना और लक्ष्य पूरा करने के लिए आजीवन डटा रहा. 

दुर्योधन के स्वभाव के यह गुण क्षत्रियों के प्रमुख गुण थे और अपने लक्ष्य को पाने के लिए संघर्ष और निष्ठा की वजह से उसे स्वर्ग में जगह मिली थी.  

दुर्योधन में ईर्ष्या, छल, अहंकार जैसे कई दुर्गुण थे लेकिन कृष्ण और अर्जुन भी उसे पराक्रमी योद्धा मानते थे.