Dec 16, 2023, 08:06 AM IST
द्रौपदी की एक आह और तबाह हो गया कुरुवंश
DNA WEB DESK
महाभारत में चौसर के खेल में पांडव हार रहे थे. युधिष्ठिर ने द्रौपदी को दांव पर लगा दिया था.
हार हुई तो दुशासन द्रौपदी को बालों से पकड़कर घसीटते हुए सभा में ले आया.
पांडवों समेत भीष्म पितामह और विदुर भी इसे देखकर मौन रहे. वे खेल के नियमों में बंधे थे.
कुरुवंश की बहू के साथ अनाचार हो रहा था और सभा मौन थी.
भीम ने देखा कि दुशासन को द्रौपदी के बाल खींचकर घसीटत हुए सभा में ला रहा है.
भीम ने प्रतिज्ञा ली कि वह दुर्योधन और दुशासन के खून से द्रौपदी के बाल को धोएगा और दुशासन के रक्त का पान करेगा.
दुशासन ने द्रौपदी का वस्त्रहरण किया लोग देखते रहे.
अपमान में डूबी द्रौपदी ने संकल्प लिया कि जब तक दुशासन की छाती का खून नहीं लाओगे, तब तक मैं अपने बाल नहीं बांधूंगी.
द्रोपदी ने 13 साल तक अपने बाल नहीं बांधे. कौरवों के नाश होने पर उन्होंने बाल बांधे थे. पर उन्होंने रक्त से अपने बाल नहीं धोए थे.
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