Nov 25, 2023, 08:25 AM IST
महाभारत में अधर्मी दुर्योधन का कर्ण ने क्यों दिया था साथ
DNA WEB DESK
कर्ण महाभारत के महान योद्धाओं में गिना जाता था. वह दुर्योधन का अभिन्न मित्र था.
कर्ण जानता था कि दुर्योधन अधर्म कर रहा है फिर भी वह उसका साथ देता था.
जबकि कर्ण पुण्यात्मा था, वह दुर्योधन के प्रति वचनबद्ध था.
द्रोणाचार्य ने एक प्रतियोगिता रखी थी. अर्जुन भी हिस्सा ले रहे थे लेकिन कर्ण को राजकुमार न होने की वजह से उसमें शामिल नहीं होने दिया जा रहा था.
दुर्योधन चाहता था कि अर्जुन और कर्ण के बीच प्रतिस्पर्धा हो इसलिए दुर्योधन ने कर्ण को अंगदेश का राजा बना दिया.
दोनों यहीं से कर्ण और दुर्योधन की मित्रता परवान चढ़ने लगी.
कर्ण इस एहसान के तले ऐसे दबा कि वह आजीवन दुर्योधन का ऋणी रह गया.
मित्रता निभाने की वचनबद्धता ने कर्ण को भी अधर्मी बना दिया.
जब द्रौपदी का चीर हरण हो रहा था तब भी वह मौन था. उसने भी उपहास किया था.
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