मुगल शहजादियों को क्यों दी जाती थी सैलरी? जानिए यहां
Kavita Mishra
बाबर ने जब भारत में मुगल सल्तनत की स्थापना की तो उसने एक नया काम शुरू किया.
उसने अपनी रानियों, शहजादियों और हरम में रहने वाली स्त्रियों के लिए वेतन की शुरुआत की.
जिनमें औरंगजेब ने बहन जहांआरा बेगम का नाम सबसे ऊपर आता है.
जहांआरा बेगम का सालाना वेतन इतना था, ये जानकर आपकी आंखें खुली की खुली रह जाएंगी.
जहांआरा को सालाना वेतन के तौर पर 7 लाख रुपए मिलते थे.
जहांआरा के बाद औरंगजेब की बेटी जेबुन्निसा को भी सबसे ज्यादा वेतन दिया जाता था.
आइए जानते हैं कि आखिर क्यों मुगल शहजादियों को सैलरी दी जाती थी.
वेतन देने के पीछे कोई ठोस वजह स्पष्ट नहीं है. कहा जाता है कि महिलाओं को वेतन उनकी आजीविका भत्ता के अनुसार दिया जाता था ताकि वो अपनी जरूरतों को पूरा कर सकें.