May 2, 2024, 07:13 PM IST
हिंदू नहीं बन सकते इस देश के नागरिक
Kuldeep Panwar
हिंद महासागर में भारत के लक्षद्वीप से महज 700 किलोमीटर दूर मौजूद द्वीपीय देश मालदीव सामरिक नजरिये से बेहद अहम माना जाता है.
फिलहाल मालदीव की चर्चा वहां के राष्ट्रपति मुइज्जू की भारत विरोधी नीतियों के कारण भारतीयों के वहां टूरिज्म का बहिष्कार करने से हो रही है.
मालदीव का इतिहास, संस्कृति बेहद अनूठी हैं. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि अब मुस्लिम देश मालदीव की आबादी कभी पूरी तरह हिंदू थी.
मालदीव एक समय दक्षिण भारतीय राजाओं के राज्यों का हिस्सा रहा है. यहां तमिल चोल राजाओं ने लंबे समय तक अपना शासन चलाया है.
12वीं शताब्दी तक मालदीव में हिंदू राजा राज करते थे और आबादी हिंदू थी. फिर वहां बौद्ध धर्म और उसके बाद इस्लाम को माना जाने लगा.
अब मालदीव के संविधान में वहां की नागरिकता को धर्म से जोड़ा गया है. केवल मुस्लिम व्यक्ति को ही वहां स्थायी नागरिकता दी जा सकती है.
मालदीव में इस्लाम ही राजकीय धर्म है. इसी कारण मालदीव में हिंदू ही नहीं किसी भी गैर इस्लामी व्यक्ति को वहां की नागरिकता नहीं दी जा सकती.
इस्लामी परंपराओं के कारण ही वहां वीकेंड भी सबसे अलग है. वहां रविवार नहीं बल्कि शुक्रवार और शनिवार को साप्ताहिक अवकाश होता है.
मालदीव में कमाई का सबसे बड़ा साधन टूरिज्म इंडस्ट्री है. भारत से करीब होने के कारण यहीं से सबसे ज्यादा टूरिस्ट मालदीव घूमने जाते हैं.
मालदीव के अस्तित्व पर ग्लोबल वार्मिंग के कारण संकट है. समुद्र तल से 1.8 मीटर ऊंचे इस देश के आने वाले समय में डूब जाने की चेतावनी दी जा चुकी है.
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