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UP Election 2022: हरदोई सदर सीट पर नरेश अग्रवाल का जादू रहेगा बरकरार या होगा उलटफेर?

हरदोई सदर ऐसी सीट है जिसे एसपी छोड़ बीजेपी में आए नरेश अग्रवाल का अभेद्य किला कहा जाता है. इसे भेदने के लिए इस बार अखिलेश यादव ने बिसात बिछाई है.

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डीएनए हिंदी: हरदोई में यूं तो कुल 8 विधानसभा सीटें हैं लेकिन हरदोई सदर सीट के नतीजे पर इस बार सबकी निगाह रहने वाली है. यहां से नरेश अग्रवाल के बेटे नितिन अग्रवाल मैदान में हैं. हरदोई का इलाका अग्रवाल परिवार का गढ़ माना जाता है लेकिन अखिलेश यादव ने भी यहां से नई चाल चली है. एसपी ने इस बार पूर्व विधायक अनिल वर्मा को उतारकर बीजेपी प्रत्याशी नितिन अग्रवाल की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. 

बीजेपी की लहर में भी एसपी ने बचाई थी सीट 
2017 के चुनावों में बीजेपी की लहर के बाद भी समाजवादी पार्टी ने यह सीट बचा ली थी. इस सीट से जीत की हैट्रिक बना चुके नितिन अग्रवाल 2017 का चुनाव सपा के टिकट पर जीते थे. बाकी सभी 7 सीटों पर बीजेपी उम्मीदवार जीते थे. बीजेपी की प्रदेश में सरकार बनी तो कुछ दिनों बाद नितिन अग्रवाल बीजेपी के खेमे में चले गए. बीजेपी की मदद से ही नितिन विधानसभा उपाध्यक्ष भी बने थे. 

2017 में ऐसा रहा था परिणाम: 

प्रत्याशी पार्टी वोट वोट%
नितिन अग्रवाल एसपी 97735 42.43%
राजा बख्श सिंह बीजेपी 92626 40.21%
धर्मवीर सिंह बीएसपी 30628 13.30%


मुस्लिम वोटों पर रहेगी नजर 
आम तौर पर हरदोई सदर सीट से मुस्लिम मतदाता एक अग्रवाल परिवार के पक्ष में वोट देता रहा है. इस बार नितिन अग्रवाल की मुश्किल है कि वह बीजेपी से पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं. एसपी ने पूर्व विधायक अनिल वर्मा को उतार दिया है. अब तक मुस्लिम वोट अग्रवाल परिवार को ही मिलता रहा है लेकिन इस बार देखना है कि यह किस तरफ जाता है. 

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जातीय समीकरण है अहम 
इस सीट पर जातीय समीकरण अहम है. अनिल वर्मा पासी बिरादरी के हैं और सदर विधानसभा क्षेत्र में पासी मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है. कुल मतदाताओं में करीब 16 फीसदी मतदाता पासी बिरादरी के हैं. 15 फीसदी मुस्लिम, 4.5 फीसदी यादव और 10.32 फीसदी रैदास मतदाता इस क्षेत्र में निर्णायक की भूमिका में रहते हैं. यहां ब्राह्मण 10.94 फीसदी, क्षत्रिय 14.92 फीसदी और 4.87 फीसदी वैश्य मतदाता हैं.

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