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CBDT ने बदले नियम, अब आप घर ले जा सकेंगे ज्यादा सैलरी, जानें कैसे

कंपनी की तरफ से एम्प्लॉई को मिलने वाले रेंट फ्री अकोमोडेशन के के प्राइस वैल्यूएशन को लेकर आयकर विभाग ने अपने नियमों में बदलाव किया है. आइए समझते हैं कैसे इससे एम्प्लॉई की सैलरी में सेविंग्स दोगुनी हो जाएगी .

CBDT ने बदले नियम, अब आप घर ले जा सकेंगे ज्यादा सैलरी, जानें कैसे
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डीएनए हिंदी:  किसी कंपनी द्वारा अपने कर्मचारियों को किराया-मुक्त आवास के प्रावधान के मूल्यांकन के लिए दिशानिर्देशों में आयकर विभाग ने बदलाव किया गया है. इससे जो कर्मचारी अधिक पैसा कमाते हैं और बिना किराया चुकाए कंपनी के दिए हुए आवास में रहते हैं, वे अब अधिक बचत कर सकेंगे. परिणामस्वरूप कर्मचारियों की टेक-होम में अब बढ़ोतरी होने वाली है. आयकर विभाग ने ऐसा कदम क्यों उठाया और इसके पीछे क्या कारण हैं आइए विस्तार से समझते हैं बदले हुए नए नियम.

CTBT ने जारी की नोटिफिकेशन
आयकर नियमों में बदलाव के संबंध में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CTBT) ने 18 अगस्त को एक नोटिफिकेशन जारी की.1 सितंबर से ये नए नियम प्रभावी होंगे.  किसी कर्मचारी को उसकी कंपनी के दिए हुए रेंट-फ्री या रियायती आवास के मूल्य की गणना के उद्देश्य से वित्त अधिनियम 2023 की "Facility" की परिभाषा में बदलाव किए गए हैं. आयकर विभाग द्वारा शनिवार को दिए गए एक बयान के अनुसार, शहरों और आबादी का वर्गीकरण और सीमाएं अब 2001 की जनगणना के बजाय 2011 की जनगणना का उपयोग करके निर्धारित की गई हैं.

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आवासों का मूल्यांकन इस प्रकार होगा:
कंपनी निजी क्षेत्र में कर्मचारियों को जो आवास प्रदान करती है, उसका मूल्य नीचे दिए गए तरीके के अनुरूप होगा: 

  • 40 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में जो मूल्यांकन पहले 15 प्रतिशत था, वह अब वेतन का 10 प्रतिशत होगा. 
     
  • 15 लाख से 40 लाख की आबादी वाले शहरों में यह आकलन, जो पहले वेतन का 10% था, अब वेतन का 7.5 प्रतिशत होगा.
     
  • पहले, 15 लाख से कम आबादी वाले शहरों में वेतन का आकलन 7.5% था, लेकिन अब इसे घटाकर 5% कर दिया गया है. 

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सरकारी खजाने पर पड़ेगा असर
एकेएम ग्लोबल के टैक्स पार्टनर अमित माहेश्वरी के अनुसार, जिन कर्मचारियों को अपने नियोक्ता से पर्याप्त वेतन और आवास मिलता है, वे अधिक बचत करने में सक्षम होंगे क्योंकि संशोधित दरों के कारण उनकी टैक्स लायबिलिटी (Taxable Base) अब कम हो जाएगा. एएमआरजी और एसोसिएट्स के सीईओ गौरव मोहन के अनुसार, ये प्रावधान 2011 की जनगणना की जानकारी को ध्यान में रखते हुए किए गए हैं और इनका उद्देश्य अनुलाभ मूल्य की गणना को सरल बनाना है.

मोहन के अनुसार, रेंट-फ्री आवास का लाभ लेने वाले कर्मचारियों का टैक्सेबल बेस कम हो जाएगा, जिससे उनकी टेक-होम सैलरी बढ़ जाएगी. हालांकि इसका दोहरे प्रभाव भी होंगे, सरकार का रेवेन्यू भी गिरेगा जबकि कर्मचारियों की बचत बढ़ेगी.

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