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Anil Ambani: अनिल अंबानी की कंपनी Reliance Capital खरीदेगी हिंदुजा ग्रुप, डील हुई फाइनल 

Anil Ambani Company Reliance Capital: अनिल अनिल अंबानी की भारी कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) अब हिंदुजा ग्रुप की हो जाएगी. दोनों के बीच डील पक्की हो गई है. 

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Anil Ambani: अनिल अंबानी की कंपनी Reliance Capital खरीदेगी हिंदुजा ग्रुप, डील हुई फाइनल 

Anil Ambani Debt

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अनिल अंबानी की कर्ज में डूबी कंपनी रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) को हिंदुजा ग्रुप खरीदेगी. इस डील के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने मंगलवार को मंजूरी दे दी है. हिंदुजा ग्रुप की कंपनी इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (IIHL) के 9,650 करोड़ रुपये के रिजोल्यूशन प्लान को मंजूरी मिल गई है. IIHL ने रिलायंस कैपिटल के लिए यह प्लान पिछले साल जून में सौंपा था. अनिल अंबानी इस वक्त भारी कर्ज में डूबे हुए हैं और उनकी सभी बड़ी कंपनियां एक-एक कर बिकती जा रही हैं. दूसरी ओर मुकेश अंबानी लगातार तरक्की के नए आयाम छू रहे हैं.

रिजर्व बैंक ने लिया था रिलायंस कैपिटल पर एक्शन 
रिजर्व बैंक ने नवंबर 2021 में अनिल धीरूभाई अंबानी (Anil Ambani) ग्रुप की कंपनी के खराब गवर्नेंस और पेमेंट डिफॉल्ट को देखते हुए एक्शन लिया था. आरबीआई ने रिलायंस कैपिटल के बोर्ड को भंग कर दिया था और नागेश्वर राव वाई को नया प्रशासक बनाया. उन्होंने रिलायंस कैपिटल का अधिग्रहण करने के लिए फरवरी 2022 में बिड्स मंगाई.


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40,000 करोड़ का कर्ज था रिलायंस कैपिटल पर 
रिलायंस कैपिटल पर 40,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज था. कंपनी के अधिग्रहण के लिए चार खरीदारों ने बोलियां लगाईं, लेकिनकोई भी बिड लेनदारों की समिति (CoC) की उम्मीदों के मुताबिक नहीं थी. इसलिए, इन चारों ही बोलियों को सीओसी ने खारिज कर दिया था. इसके बाद  लेनदार बैंक एक चैलेंज मैकेनिज्म लाए, जिसमें IIHL और टोरेंट इन्वेस्टमेंट्स ने हिस्सा लिया था. कैश बिड के लिए 9,661 करोड़ रुपये की अपफ्रंट कैश बिड के लिए हिंदुजा ग्रुप की फर्म को कमेटी को चुना गया.


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निवेशकों को झेलना पड़ेगा नुकसान 
एनसीएलटी की तरफ से स्वीकृत कर्ज समाधान योजना के बाद कंपनी के कर्जदाताओं को भारी नुकसान झेलना पड़ेगा. 63 प्रतिशत के तगड़े नुकसान यानी हेयरकट कर्जदाताओं को झेलनी होगी. कंपनी के खिलाफ किए गए 38,526.42 करोड़ रुपये के कुल दावों में से सिर्फ 26,086.75 करोड़ रुपये के दावों को ही न्यायाधिकरण ने स्वीकार किया है.

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