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RBI Annual Report: ग्लोबल रिस्क के बाद भी तेज रह सकती है देश की इकोनॉमी

आरबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सरकारी कैपिटल एक्सपेंडिचर में इजाफा होने के साथ प्राइवेट इंवेस्टमेंट में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. 

RBI Annual Report: ग्लोबल रिस्क के बाद भी तेज रह सकती है देश की इकोनॉमी

Inflation Rate in India: There will be no relief from rising inflation, know why?

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 डीएनए हिंदी: आरबीआई ने अपनी एनुअल रिपोर्ट (RBI Annual Report) में कहा कि ग्लोबल रिस्क के बाद भी इंडियन इकोनॉमी (Indian Economy)  की ग्रोथ में इजाफा देखने को मिल सकता है. रिपोर्ट में कहा कि कई ग्लोबल रिस्क के रहने के बाद भी इकोनॉमी में तेजी के साथ रिकवरी देखने को मिल रही है. आरबीआई (RBI) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सरकारी कैपिटल एक्सपेंडिचर (Capital Expenditure) में इजाफा होने के साथ प्राइवेट इंवेस्टमेंट में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. जिससे ग्रोथ साइकिल की रफ्तार में इजाफा देखने को मिलेगा. साथ ग्रॉस डिमांड में भी इजाफा देखने को मिल सकता है. रिपोर्ट के अनुसार नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर प्लान और नेशनल मोनेटाइजेशन पाइप लाइन से भी बेसिक इंफ्रा पर होने वाले खर्च में इजाफा होने के आसार है.

इनमें लाना होगा सुधार 
आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार वैक्सीनेशन में तेजी और इकोनॉमिक एक्टिविटी के लिए बेहतर संभावनाओं की वजह से कोविड की तीसारी लहर के बाद भी कंज्यूमर, बिजनेस कांफिडेंस में मजबूती देखने को मिली है. वहीं ग्रॉस डिमांड में तेजी तभी देखने को मिलेगी जब प्राइवेट इंवेस्टमेंट में इजाफा होगा. वहीं ग्रोथ भी तभी देखने को मिलेगी, जब सप्लाई से जुड़ी समस्याओं को खत्म करने का प्रयास किया जाएगा. कुल मांग में तेजी लाने और ढ़ांचागत सुधार के लिए किस तरह के मौद्रिक और वित्तीय सुधार किए जाते हैं.

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रेपो रेट में किया था इजाफा 
आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी काफी समय से महंगाई को भूलकर ग्रोथ की ओर कर रही है. इसी कारण से आरबीआई ने मई 2020 से काफी लंबे समय तक अपने रेपो रेट को रिकॉर्ड लो लेवल पर रखा हुआ था. हालांकि बढ़ती महंगाई से निपटने के लिए आरबीआई ने अभी हाल में हुई अपनी पॉलिसी मीट में रेपो रेट 0.40 फीसदी का इजाफा कर दिया था. साथ ही सीआरआर में भी 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी. ऐसा करके आरबीआई बैंकिंग सिस्टम से अतिरिक्त लिक्विडिटी को निकालना चाहता है.

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कोर महंगाई में इजाफे की उम्मीद 
कीमतों में इजाफे को लेकर आरबीआई का कहना है कि इंडस्ट्रीयल रॉ मटीरियल की कीमतों और ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट में बढ़ोतरी के साथ ही ग्लोबल सप्लाई चेन में आने वाली समस्याओं के चलते आगे हमें कोर महंगाई में बढ़ोतरी की उम्मीद नजर आ रही है. आपको बता दें कि अगले महीने जून में आरबीआई की एमपीसी मीट होने वाली है. तीन दिनों तक चलने वाली यह मीटिंग 8 जून को शुरू होगी. जिसमें रेपो दरों में फिर से इजाफा देखने को मिल सकता है. 

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