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DNA TV Show: दुनिया ने देखी चांद पर भारत की छाप, जानिए अब कैसे मिलेगी चंदामामा के चप्पे-चप्पे की खबर

Chandrayaan-3 Update: भारत चांद पर उतरने का इतिहास रच चुका है. अब इस मिशन की आगे की सफलता उसके प्रज्ञान रोवर पर टिकी है. यह रोवर कैसे काम करेगा, कैसे रिपोर्ट भेजेगा. इसी का डीएनए करती आज की रिपोर्ट.

DNA TV Show: दुनिया ने देखी चांद पर भारत की छाप, जानिए अब कैसे मिलेगी चंदामामा के चप्पे-चप्पे की खबर

DNA TV Show 

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डीएनए हिंदी: ISRO News- चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम ने बुधवार को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने का इतिहास रचकर दुनिया को भारत की शक्ति का अहसास कराया. जब विक्रम लैंडर से पहला संदेश धरती पर आया तो यह पूरी दुनिया के लिए था कि अब भारत को कमतर ना माना जाए. दुनिया हैरान थी, लेकिन गुरुवार को वह भारत की छाप चांद पर देखकर नई महाशक्ति के आगमन का अहसास कर गई. ये ताकत का अहसास देने वाली छाप बनाई प्रज्ञान रोवर ने, जिसने विक्रम से बाहर निकलकर चांद पर पहला कदम चला और अपने पीछे चंद्र धरती पर अशोक स्तंभ और इसरो की छाप छोड़ते हुए आगे बढ़ने लगा. प्रज्ञान रोवर अब अपने हिस्से का Mission पूरा करने के लिए निकल पड़ा है. इसकी कुछ तस्वीरें भी सामने आई हैं, जिनमें प्रज्ञान रोवर लैंडर विक्रम से निकलकर चांद की जमीन की ओर बढ़ रहा है. Rover से चांद की जमीन कैसी दिखी, वो तस्वीरें आपको देखने के लिए मिल रही हैं. यही नहीं Rover के पहियों पर अशोक स्तंभ और इसरो का चिन्ह है, जिसकी छाप कुछ इस तरह से चांद की जमीन पर नजर आ रही है.

प्रज्ञान के निकलने के साथ ही शुरू हुआ सबसे अहम काम
चंद्रयान-3 मिशन का सबसे महत्वपूर्ण काम अब शुरू हुआ है. इस मिशन में रोवर और लैंडर का सबसे बड़ा काम है चंद्रमा पर पानी की तलाश को आगे बढ़ाना, जिसके संकेत वर्ष 2008 में चंद्रयान-1 के दौरान भारत के जरिये पूरी दुनिया को मिले थे. यदि यह खोज सफल रही तो चांद पर मानव बस्ती बसाने का सपना पूरा होने के आसार बन जाएंगे. साथ ही चांद को सुदूर अंतरिक्ष अभियानों के लिए फ्यूल स्टेशन के तौर पर यूज करने की भी राह खुल जाएगी.

चांद पर प्रज्ञान की ऐसी होगी वर्किंग

  • 6 पहियों और 26 किलो वजनी Rover प्रज्ञान ने चंद्रमा की सतह पर घूमना शुरू कर दिया है.
  • चांद की सतह पर आते ही प्रज्ञान ने सबसे पहले अपने Solar Panel खोले, ताकि वो सूर्य की रोशनी से चार्ज होता रहे.
  • प्रज्ञान 1 सेंटीमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से चल रहा है, इस दौरान वो अपने आस-पास की सभी चीजों को Scan करता जा रहा है.
  • चांद की जमीन और उस पर दिखने वाली चीजों को Scan करने के लिए Rover प्रज्ञान में Navigation Camera लगाया गया है.
  • प्रज्ञान अगले लगभग 12 दिनों में करीब 500 मीटर की दूरी तय करेगा और चांद से जुड़ा कई तरह का Data इकट्ठा करेगा.
  • इस दौरान विक्रम लैंडर भी अपने आसपास चंद्रमा के वातावरण का डाटा जमा करेगा और उसे प्रोसेस कर धरती पर भेजेगा.

ऐसे आएगा डाटा जमीन पर

  • प्रज्ञान अपने स्कैन के दौरान जो भी डाटा जमा करेगा, वो सबसे पहले Lander विक्रम को भेजेगा.
  • Lander विक्रम इस data को चांद के ऑर्बिट में घूम रहे चंद्रयान-2 के Orbiter को भेजेगा.
  • चंद्रयान-2 का Orbiter इस Data को ट्रांसमिट करेगा और पृथ्वी तक भेजेगा.

इन Payload की मदद से खोज करेंगे विक्रम और प्रज्ञान

Lander विक्रम और Rover प्रज्ञान,दोनों अपना-अपना Research शुरू कर चुके हैं. जिन उपकरणों की मदद से ये Research हो रही है, उसे वैज्ञानिक अपनी भाषा में Payload कहते हैं. Lander विक्रम में 3 Payload और Rover प्रज्ञान में 2 Payload लगे हुए हैं. 

  • विक्रम का पहला Payload है RAMBHA (रंभा) यानी 'Radio Anatomy of Moon Bound Hypersensitive ionosphere & Atmosphere'. ये payload चांद की सतह पर सूरज से आने वाले Plasma कणों के घनत्व, मात्रा और बदलाव की जांच करेगा.
  • विक्रम का दूसरा payload है ChasTe (चैस्टे) यानी Chandra's Surface Thermo Physical Experiment. ये चांद की सतह के तापमान की जांच करेगा.
  • विक्रम का तीसरा Payload है Ilsa (इल्सा) यानी Instrument Of Lunar Seismic Activity, जो landing site के आसपास, भूकंपीय गतिविधियों की जांच करेगा.
  • प्रज्ञान का पहला Payload है- APXS यानी Alpha Particle X-ray Spectroscope. ये चंद्रमा की सतह का X-ray करके धातुओं का पता लगा रहा है. ये चांद की जमीन पर Magnesium, Aluminium, potassium जैसी धातुओं की खोज कर रहा है.
  • प्रज्ञान के दूसरे Payload को कहते हैं LIBS यानी Laser Induced Breakdown Spectroscope. इसका काम है, चंद्रमा पर मौजूद Chemical Composition का पता लगाना.

दुश्मनों के बीच भी उपलब्धियों के चर्चे

भारत के दुश्मन, हमारी उपलब्धियों पर भले ही कुछ ना लिखें, लेकिन सच्चाई ये है कि उन देशों के नागरिक, भारत की उपलब्धियों पर चर्चा जरूर कर रहे हैं. पाकिस्तान के चरमपंथी नेता भले ही भारत की चांद पर उतरने वाले उपलब्धि पर चुप हों, लेकिन पाकिस्तानी नागरिक, इससे काफी खुश नजर आ रहे हैं. वो भारत के वैज्ञानिकों को इसकी बधाई दे रहे हैं.

पाकिस्तान के नागरिक इस बात से बहुत दुखी है कि एक समय में ही आजाद हुए दो देशों के हालात जमीन-आसमान के स्तर पर आ गए हैं. भारत चांद पर अपने चंद्रयान-3 को उतार चुका है, और पाकिस्तान के हुक्मरान, दुनियाभर के देशों में जाकर FUND की मांग कर रहे हैं. यही नहीं चंद्रयान को लेकर पाकिस्तान का एक वीडियो बहुत वायरल हो रहा है, जिसमें एक पाकिस्तानी नागरिक बोल रहा है कि वो तो चांद पर ही रहते हैं.

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