Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

DNA एक्सप्लेनर : पहले से बहुत अलग नहीं है तालिबान 2.0

तालिबान अफग़ानिस्तान में वापस लौट आया है. दुनिया को उम्मीद थी कि यह बेहतर होगा पर नई नीतियां भी लगभग वैसी ही हैं जैसी बीस साल पहले थी.

DNA एक्सप्लेनर  : पहले से बहुत अलग नहीं है तालिबान 2.0
FacebookTwitterWhatsappLinkedin

TRENDING NOW

डीएनए हिंदी : तालिबान (Taliban) का पहला शासन अफ़ग़ानिस्तान(Afghanistan) में 1996 से 2001 तक चला. 2001 में अमेरिकी सैनिकों के आक्रमण के बाद तालिबान का शासन ख़त्म हुआ. अमेरिकी सैनिक बीस साल के बाद 2021 में  से लौटने लगे. इस दौरान अफ़गानी सैनिकों और तालिबानी लड़ाकों के बीच छिड़ा हुआ संघर्ष और तेज़ हो गया. अगस्त 2021 में अफगानिस्तान की सत्ता वापस तालिबान के पास पहुंच गई. उम्मीद थी कि वापस सत्ता में आने वाली तालिबान अधिक उदार और नागरिकों के  होगी. हालांकि पिछले छः-सात महीनों में तालिबानी शासन के क़ायदों को देखते हुए यह ज़रूर लग रहा है कि तालिबान 2.0 और पुराने शासन में फ़र्क़ नहीं था. आइए जानते हैं नए तालिबान के कुछ उन फ़ैसलों के बारे में जिनकी वजह से तालिबान को इसका नाम मिला है.

औरतों पर बेहद कड़क प्रतिबन्ध - तालिबानी शासन  के पहले साल में औरतों के ऊपर बेहद कड़े प्रतिबन्ध लगाए गए थे. उनका बिना बुर्क़ा और किसी पुरुष साथी के बाहर निकलना मुश्किल था. 2021 में सत्ता में आए तालिबान ने भी सबसे पहले  औरतों की स्वतंत्रता पर आघात किया. नए प्रावधानों के मुताबिक़ स्त्रियां  अकेली कहीं नहीं जा सकती हैं. उनके साथ एक पुरुष साथी का होना अनिवार्य है. तालिबान ने महिलाओं के लिए यह ऑर्डर भी पास किया है कि उन्हें नहाते वक़्त भी हिजाब पहने रहना होगा. बारह साल से ऊपर की लड़कियों के लिए स्कूल प्रतिबंधित कर दिया गया है. विश्वविद्यालयों में स्त्री-पुरुष छात्रों के बीच पर्दे खींच दिए गए हैं. मर्दों को दाढ़ी बढ़ाने का आदेश भी दिया गया है.

दुनिया के वे देश जहां crisis है

फिल्मों और नाटकों पर बैन - नए तालिबानी नियमों के मुताबिक़ सभी अफ़ग़ानी चैनलों पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है. इस सम्बन्ध में कुछ नए नियमों को लागू किया गया है. वे नियम कुछ इस तरह हैं. -

- शरिया कानून के अनुसार फिल्मों पर प्रतिबन्ध.  

- औरतों का फिल्मों, नाटकों और सीरियल में काम करना प्रतिबंधित. उनका टीवी पर दिखना भी प्रतिबंधित.

- मर्दों के शरीर के अंतरंग हिस्सों को दिखाने वाले फुटेज भी प्रतिबंधित हैं.

- वैसे कॉमेडी शो और मनोरंजक प्रोग्राम पर प्रतिबन्ध  जो किसी भी तरह धर्म या अफ़ग़ानी मूल्यों पर आघात करें

- विदेशी मूल्यों का प्रसार करने वाले विदेशी कार्यक्रमों पर प्रतिबन्ध

शरीर के अंगों को काटना और जान लेने की प्रथा का लौटना - तालिबानी सत्ता के अफगानिस्तान (Afghanistan)  में लौटने के साथ ही इसके संस्थापकों में से एक मुल्ला नूरुद्दीन तुराबी का का कहना है कि  शरिया कानून के मुताबिक कठोर सजाओं का दौर फिर शुरू होगा. हालांकि नए नियमों के अनुसार यह सार्वजनिक तौर पर नहीं किया जाएगा पर कुरआन  के अनुसार ही सजाएं दी जाएंगी.  इन सजाओं में अंग-भंग, पत्थर मारकर जान लेना और फांसी शामिल है. तालिबान(Taliban) के प्रथम शासन काल में इन सजाओं की भरमार थी. कई लोगों को सरे पत्थर मारा गया तो कई को फांसी दी गई. तुराबी का कहना है कि सुरक्षा की दृष्टि से हाथ काटना बेहद ज़रूरी है. उन्होंने यह भी कहा था कि कैबिनेट अभी देख रही है कि क्या उचित रहेगा, सार्वजानिक तौर पर सजा देना या  नहीं. इसे लेकर एक नई नीति लाई जाएगी.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement