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क्यों खास है ब्रिटिश प्रधानमंत्री Boris Johnson का भारत दौरा?

Explainer: यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने साबरमती आश्रम का दौरा किया. बोरिस जॉनसन का यह दौरा कई मायनों में खास है.

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क्यों खास है ब्रिटिश प्रधानमंत्री Boris Johnson का भारत दौरा?

साबरमती आश्रम में ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन.

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डीएनए हिंदी: यूनाइटेड किंगडम (UK) के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) का भारत दौरा सुर्खियों में हैं. बोरिस जॉनसन ने महात्मा गांधी के प्रसिद्ध साबरमती आश्रम (Sabarmati Ashram) का दौरा किया. उन्होंने महात्मा गांधी के मानवीय मूल्यों की सराहने करते हुए श्रद्धा भरा से एक संदेश छोड़ा है.   

बोरिस जॉनसन ने गुजरात के साबरमती आश्रम में चरखा चलाया और महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. बोरिस जॉनसन उसी देश के प्रधान मंत्री हैं, जिसने लगभग 200 वर्षों तक भारत पर शासन किया. ब्रिटिश क्रूरता की अनगिनत कहानियां इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं. गांधी की तरफ उनका झुकना हर बार उन्हें यह सोचने पर मजबूर कर रहा होगा कि उनके देश का कितना आततायी इतिहास रहा है.

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'साबरमती में बापू को बोरिस जॉनसन की श्रद्धांजलि'

बोरिस जॉनसन पहले ब्रिटिश प्रधान मंत्री हैं जिन्होंने अपनी भारत यात्रा के दौरान महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम का दौरा किया है. वह 1947 में भारत की आजादी के बाद गुजरात आने वाले ब्रिटेन के पहले प्रधानमंत्री भी बने हैं क्योंकि यह घटना भी ऐतिहासिक है और इसमें ब्रिटेन के लिए एक बड़ा सबक छिपा है. साबरमी आश्रम में विजिट के दौरान बोरिस जॉनसन ने कई तस्वीरें खिंचवाई. ब्रिटिश सरकार के खिलाफ विद्रोह के केंद्र में साबरमती आश्रम की सबसे बड़ी भूमिका रही है.

बापू: विंस्टन चर्चिल से बोरिस जॉनसन तक

पूर्व ब्रिटिश प्रधान मंत्री विंस्टन चर्चिल (Winston Churchill) ने एक बार गांधीजी को 'अध नंगा फकीर' कहा था. विंस्टन चर्चिल यह कहकर गांधीजी और उनके चरखा का मजाक उड़ा रहे थे. विंस्टन चर्चिल ने 1943 में भारतीयों की तुलना जानवरों से की थी. आज स्थितियां बदल गईं. विस्टन चर्चिल अतीत के पन्नों में गुम हो गए और महात्मा गांधी प्रासंगिक बने रहे. अध नंगे फकीर के आश्रम का दर्शन कर बोरिस जॉनसन  खुद को भाग्यशाली और गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.

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क्या कहता है बोरिस जॉनसन का यह दौरा?

महात्मा गांधी इस आश्रम में वर्ष 1927 से 1930 तक रहे और इस दौरान उन्होंने इस आश्रम से कई बड़े आंदोलन और भूख हड़ताल शुरुआत की. आज बोरिस जॉनसन ने उसी जगह जाकर महात्मा गांधी के बारे में और जानने की कोशिश की. जब दुनिया यूक्रेन और रूस के बीच भीषण संघर्ष देख रही है तब उनका महात्मा गांधी के आश्रम जाना बड़ा संदेश देता है. यह दौरा संदेश देता है कि संघर्ष कितना भी भयावह क्यों न हो, शांति का रास्ता गांधी से होकर गुजरता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बोरिस जॉनसन.

पीएम मोदी से क्या बात करेंगे बोरिस जॉनसन?
 
बोरिस जॉनसन अपनी भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से न तो रूस के साथ तेल खरीदने पर चर्चा करेंगे न ही वहां से हथियार खरीदने पर. भारत और ब्रिटेन के बीच केवल द्विपक्षीय संबंधों पर ही बातचीत होगी. हालांकि दोनों देशों के बीच यूक्रेन विवाद को लेकर चर्चा हो सकती है. बोरिस जॉनसन जानते हैं कि युद्ध में किसी एक पक्ष का साथ देने के लिए भारत पर जोर नहीं दिया जा सकता है क्योंकि भारत का एजेंडा पहले से बहुत क्लीयर है. भारत अपनी गुटनिरपेक्षता को कभी नहीं छोड़ेगा.

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किन क्षेत्रों में निवेश पर होगा ब्रिटिश पीएम का जोर?

ब्रिटेन भारत में बड़े निवेशों का ऐलान कर सकता है. भारत में निवेश की कई संभावनाएं बन रही हैं. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री विज्ञान, हेल्थ एंड टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में निवेश की घोषणा कर सकते हैं. डिफेंस में साझेदारी के अलावा जॉनसन मुक्त व्यापार समझौते पर भी चर्चा करेंगे. ब्रिटेन 2035 तक भारत से 36.5 अरब डॉलर से बढ़ाना चाहता है. ब्रिटेन चाहता है कि हर क्षेत्र में भारत उसका मजबूत रणनीतिक भागीदार बने.

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