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नरेंद्र मोदी के आने के बाद से कैसे बदली नीतीश कुमार की राजनीति, कितनी बार मार चुके हैं पलटी?

नीतीश कुमार का मन अब लालू परिवार से भर गया है. एक बार फिर वह बीजेपी गठबंधन के सहयोग से सरकार बनाने जा रहे हैं.

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नरेंद्र मोदी के आने के बाद से कैसे बदली नीतीश कुमार की राजनीति, कितनी बार मार चुके हैं पलटी?

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फाइल फोटो-PTI)

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डीएनए हिंदी: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीते एक दशक से राजनीति की धुरी बने हुए हैं. वह लगातार पाला बदल रहे हैं. कभी वह भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ जाते हैं, कभी उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तानाशाह लगने लगते हैं. कभी उन्हें लालू यादव ईमानदारी की प्रतिमूर्ति लगते हैं, कभी उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) परिवारवादी पार्टी लगती है. बीते एक दशक में नीतीश कुमार कुल 5 बार पलटी मार चुके हैं. 

बिहार में एक बार फिर सत्ता परिवर्तन हुआ है. नहीं, मुख्यमंत्री नहीं बदले हैं, गठबंधन सरकार बदली है. नीतीश कुमार का राष्ट्रीय जनता दल से एक बार फिर मोहभंग हुआ है और पुराने सहयोगी एनडीए गठबंधन से टूटा प्यार, एक बार फिर जुड़ चुका है. बिहार की राजनीति पर नजर रखने वाले लोग साफ कह रहे हैं कि नीतीश कुमार कब पलटी मारेंगे, उनके अपने करीबी तक नहीं जानते. 

बिहार की राजनीति को अपने इशारों पर नचाने वाले नीतीश कुमार की बातचीत भारतीय जनता पार्टी से गठबंधन को लेकर हो गई है. वे मुख्यमंत्री बने रहेंगे, उनकी कैबिनेट बदल जाएगी. बिहार बीजेपी ने सम्राट चौधरी को विधायक दल का नेता चुन लिया है. वह नीतीश कैबिनेट में डिप्टी होंगे.

इसे भी पढ़ें- Bihar Political Crisis Live:नीतीश कुमार का इस्तीफे के बाद पहला बयान, काम नहीं होने पर हुए अलग

कितनी बार पलटी मार चुके हैं नीतीश बाबू 
नीतीश कुमार नौवीं बार मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. बीजेपी और आरजेडी दोनों की मजबूरी नीतीश कुमार हैं, उनके बिना सरकार बनाने का ख्वाब कोई नहीं देख सकता. उन्होंने न तो बीजेपी को इस हाल में छोड़ा है, न तो आरजेडी को कि बिना नीतीश के सरकार बना लें. 

यह भी पढ़ें: नीतीश कुमार रविवार को ही इस्तीफा देकर लेंगे दोबारा शपथ, बीजेपी-जेडीयू विधायकों की बैठक 

पढ़ें नीतीश कुमार के पलटी मारने की टाइमलाइन
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साल 2013 में नीतीश कुमार ने बीजेपी से नाता तोड़ दिया था. बीजेपी ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री उम्मीदवार बताया था, नीतीश को यह नहीं रास आया. नीतीश, नरेंद्र मोदी को सांप्रदायिक मानते थे.
- साल 1996 से नीतीश कुमार बीजेपी गठबंधन के साथ थे, उनका नाता साल 2013 में बीजेपी से टूट गया. 
- साल 2014 के लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार महज 2 सीटें जीत सके थे. उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दिया, जीतनराम मांझी सीएम बने. नीतीश को यह भी पसंद नहीं आया, उन्होंने फिर मुख्यमंत्री बनने का फैसला कर लिया.
- नीतीश कुमार ने बेमेल गठबंधन पहली बार 2014 में किया. वह जंगलराज सरकार के धुर विरोधी थे, उन्होंने आरजेडी से गठबंधन कर लिया. यह गठबंधन बहुमत से चुनाव जीत गया.
- साल 2017 में नीतीश का मोह गठबंधन से भंग हो गया. डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का साथ उन्हें पसंद नहीं आया और भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर उन्होंने बीजेपी से नाता जोड़ लिया.
- साल 2019 का लोकसभा चुनाव, 2020 का विधानसभा चुनाव जेडीयू और बीजेपी ने साथ मिलकर लड़ा. जंगलराज सरकार का डर दिखाकर भी कुल 43 सीटें ही नीतीश बाबू हासिल कर सके.
- 2022 में बीजेपी फिर नीतीश कुमार को तानाशाह वाली पार्टी नजर आने लगी. नीतीश कुमार ने लालू परिवार के साथ मिलकर सरकार बनाई. तेजस्वी फिर डिप्टी बने.
- तेजस्वी ने वादा किया कि वे सरकारी नौकरियों की भरमार लगा देंगे. उन्होंने काम भी शुरू किया और क्रेडिट भी लेने लगे. नीतीश को यह रास नहीं आया और अटस बढ़ती गई.
- नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन की अगुवाई करने लगे. उनके भी अरमान प्रधानमंत्री वाले ही थी. कहां वे इंडिया गठबंधन के अगुवा बन रहे थे, कहां बीजेपी के साथ गठजोड़ कर बैठे हैं.
- नीतीश कुमार 2025 का बिहार विधानसभा चुनाव तेजस्वी के नेतृत्व में लड़ने जा रहे थे, लेकिन उनके रास्ते ही जुदा हो गए. देखने वाली बात यह है कि जिस बीजेपी को जमकर उन्होंने कुछ वर्षों से कोसा है, उसके साथ कितने दिन सरकार में रह सकते हैं.

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