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कौन हैं सोहन रॉय, जो दहेज लेने वाले को नौकरी नहीं देते, अब कर्मचारियों को गिफ्ट किए 30 करोड़ रुपये

Who is Sohan Roy: सोहन रॉय अनिवासी भारतीय बिजनेसमैन हैं, जो संयुक्त अरब अमीरात में रहते हैं. उन्होंने अपनी कंपनी के 25 साल पूरे होने पर कर्मचारियों को तोहफा दिया है.

कौन हैं सोहन रॉय, जो दहेज लेने वाले को नौकरी नहीं देते, अब कर्मचारियों को गि��फ्ट किए 30 करोड़ रुपये

Aries Group Founder Sohan Roy

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डीएनए हिंदी: Sohan Roy Profile- अपने कर्मचारियों का ख्याल रखने और उन्हें महंगे तोहफे देने के लिए अब तक आप  सूरत के हीरा कारोबारी सावजी ढोलकिया (Savji Dholakia) का नाम ही सुनते रहे  होंगे. अब एक और भारतीय बिजनेसमैन ने ढोलकिया से भी आगे निकलते हुए अपने कर्मचारियों और उनकी फैमिली को 30 करोड़ रुपये का गिफ्ट दिया है. सोहन रॉय (Sohan Roy) नाम के इस बिजनेसमैन ने कर्मचारियों को अपनी कंपनी को 25 साल पूरे होने पर 'सिल्वर जुबली गिफ्ट' दिया है, जिसके जरिये उन्होंने कंपनी को मुकाम तक पहुंचाने में कर्मचारियों के योगदान का शुक्रिया अदा किया है. आइए आपको बताते हैं कि बिजनेसमैन सोहन रॉय कौन हैं, जो अपनी कंपनी में दहेज लेने या देने वाले कर्मचारियों को नौकरी नहीं देते हैं.

शारजाह में रहने वाले NRI बिजनेसमैन हैं सोहन रॉय

सोहन रॉय अनिवासी भारतीय बिजनेसमैन हैं, जो संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के शारजाह में रहते हैं. केरल के कोल्लम जिले के एकाराकोनम में 1967 में जन्मे रॉय ने मरीन इंजीनियरिंग की डिग्री ली है. वे Aries Group के फाउंडर हैं, जो 25 देशों में 59 कंपनियां ऑपरेट कर रहा है. एरीज ग्रुप को मिडिल ईस्ट का सबसे बड़ा मल्टीनेशनल ग्रुप भी माना जाता है. सोहन रॉय ने कई अलग-अलग बिजनेस में कामयाबी हासिल की है, जिनमें एरीज मरीन एंड इंजीनियरिंग सर्विसेज और शिप डिजाइन कंसल्टेंसी शामिल हैं. उन्हें अरब जगत के टॉप-10 भारतीय बिजनेसमैन में शामिल किया जाता है.

1998 में शुरू की थी पहली कंपनी

रॉय ने एरीज ग्रुप की शुरुआत साल 1998 में Aries Marine & Engineering Services की स्थापना के साथ की थी. इसी कंपनी के 25 साल पूरे होने के मौके पर रॉय न कर्मचारियों को तोहफा दिया है. Gulf News की रिपोर्ट के मुताबिक, रॉय ने कहा है कि ग्रुप की तरक्की में कर्मचारियों के योगदान के लिए ये गिफ्ट उनका धन्यवाद कहने का तरीका है. रॉय के एरीज ग्रुप की शिप डिजाइन कंसल्टेंसी में 2,200 से अधिक प्रोफेशनल काम करते हैं.

दहेज लेने-देने वाले को नहीं देते हैं नौकरी

रॉय ने इस साल मार्च से एरीज ग्रुप में anti-dowry policy की शुरुआत की है. इंटरनेशनल वुमन्स डे पर लागू की गई पॉलिसी के तहत रॉय ने तय किया है कि वे दहेज लेने या देने वाले किसी भी कर्मचारी को अपनी कंपनी में नहीं रखेंगे. उन्होंने यह भी घोषणा की थी कि इस नियम को तोड़ने वाले कर्मचारी को नौकरी से निकालने के साथ ही कंपनी उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी करेगी. इसके लिए ग्रुप में एक anti-dowry cell भी बनाया गया है.

बिजनेसमैन नहीं कवि और फिल्म निर्माता कहलाना करते हैं पसंद

सोहन रॉय इतने बड़े बिजनेस ग्रुप का मालिक होने के बावजूद खुद को बिजनेसमैन के बजाय कवि और फिल्म निर्माता कहलाना ज्यादा पसंद करते हैं. रॉय की कविताओं का एक संग्रह Anukavyam भी पब्लिश हो चुका है. वे एरीज ग्रुप के बैनर तले फिल्म निर्माण में निवेश करते हैं. रॉय ने मलयालम सुपरस्टार मोहनलाल (Mohanlal) के Vismayas Max स्टूडियो परिसर को भी खरीदा है. साथ ही रॉय फिल्म DAM999 का निर्देशन भी कर चुके हैं. इसके अलावा उन्होंने भारतीय सिनेमा को रिवाइव करने के मकसद से 'Project Indywood' भी लॉन्च किया था, जिसमें वे 10 अरब डॉलर का निवेश कर रहे हैं. यह प्रोजेक्ट नवंबर 2015 में कोच्चि में इंडीवुड फिल्म मार्केट एंड ऑल लाइट्स इंडिया इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के जरिए लॉन्च किया गया था. 

फोर्ब्स लिस्ट में रहे हैं लगातार चार साल

अरबपति सोहन रॉय को फोर्ब्स मैगजीन भी अपनी वर्ल्ड लिस्ट में शामिल कर चुकी है. वे साल 2015 से 2019 तक लगातार चार साल तक फोर्ब्स की बिलिनेयर इंडियन लीडर्स ऑफ द वर्ल्ड लिस्ट में शामिल रह चुके हैं. 

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