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9वीं के बाद ही मिलेगा कोटा के कोचिंग सेंटर में एडमिशन, छात्रों के सुसाइड मामले में कमेटी का बड़ा एक्शन

Kota Coaching New Guidelines: राजस्थान सरकार के जरिए उच्च शिक्षा सचिव भवानी सिंह देथा की अध्यक्षता में गठित कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर जारी की गई है. आइए जानते हैं कि सरकार की नई गाइडलाइन में क्या है...

9वीं के बाद ही मिलेगा कोटा के कोचिंग सेंटर में एडमिशन, छात्रों के सुसाइड मामले में कमेटी का बड़ा एक्शन

Kota Coaching Center

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डीएनए हिंदी: राजस्थान के कोटा में बढ़ रहे छात्रों के सुसाइड मामले के बीच राजस्थान सरकार ने दिशा निर्देश जारी किए हैं. राज्य सरकार ने इस साल कोटा में लगातार सुसाइड की खबरें आने के बाद कोचिंग संस्थानों के लिए नियम बनाने के लिए शिक्षा सचिव भवानी सिंह देथा की अध्यक्षता में 15 सदस्यीय समिति का गठन किया गया था. इसमें कहा गया है कि क्लास 9 से पहले छात्रों को कोचिंग में एडमिशन नहीं दिया जाएगा.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोटा से आ रही लगातार आत्महत्याओं की खबरों के बाद 18 अगस्त 2023 को कोचिंग संचालकों के साथ एक बैठक की थी. इस सब बैठक के बाद 24 अगस्त को एक हाई लेवल कमेटी का गठन किया गया. इस कमेटी के प्रमुख शासन सचिव और उच्च एवं तकनीकी शिक्षा की अध्यक्षता में किया गया. इसके साथ अलग-अलग विभागों कोचिंग संस्थानों, अभिभावकों और विभिन्न जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों से सुझाव लिए गए थे. कमेटी की रिपोर्ट को राज्य सरकार के समक्ष रखा गया, जिसे सरकार द्वारा स्वीकार कर लिया गया है.

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आचार संहिता का उल्लंघन करने पर कोचिंग संस्थानों के खिलाफ होगी कार्रवाई

समिति की ओर से जारी दिशा निर्देशों में कहा गया है कि आचार संहिता का उल्लंघन करने पर कोचिंग संस्थानों की संख्या के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का भी प्रावधान है. इसके साथ मॉनिटरिंग सेल के पास एक डेडीकेटेड पोर्टल के जरिए इन कोचिंग संस्थानों में पढ़ने वाले सभी छात्रों का डाटा भी होगा. कहां गया है कि अगर कोई छात्र कक्षा 9 से नीचे है और वह संस्थान में पंजीकृत है. ऐसे में अगर वह संस्थान छोड़ना चाहता है तो उसे पूरा रिफंड दिया जाना चाहिए. पैनल ने कहा कि नए एडमिशन अनिवार्य स्क्रीनिंग टेस्ट के आधार पर होने चाहिए.

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छात्रों की आत्महत्या के पीछे के हैं कई कारण

छात्रों की आत्महत्या के पीछे कई कारण हैं. कमेटी ने इससे पहले अपनी रिपोर्ट में बताया था कि कठिन प्रतियोगिता का होना, सिलेबस का स्तर अधिक होना, बहुत ज्यादा टेस्ट, कोचिंग संस्थानों का व्यस्त शेड्यूल और छुट्टी ना मिलने के कारण छात्र दबाव में रहते हैं. कोचिंग के लिए अब नई दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. टॉपर कमजोर बच्चों में भेदभाव नहीं करना, नवीन के बाद ही छात्रों को कोचिंग में प्रवेश देना, प्रवेश से पहले स्क्रीनिंग टेस्ट आयोजित होना और उसका परिणाम केवल स्टूडेंट को ही बताया जाएगा. इसके साथ ही कहा गया है कि हर 3 महीने पर पेरेंट्स टीचर मीटिंग आयोजित की जाएगी.

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