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The Kerala Story के बाद अब Ajmer 92 को लेकर छिड़ा विवाद, जानिए क्यों बैन की हो रही है मांग

The Kerala Story को लेकर अभी विवाद थमा भी नहीं था कि एक और फिल्म को लेकर बवाल शुरू हो गया है. इस फिल्म का नाम Ajmer 92 है, जिसको लेकर मुस्लिम संगठनों ने बैन करने की मांग कर दी है.

The Kerala Story के बाद अब Ajmer 92 को लेकर छिड़ा विवाद, जानिए क्यों बैन की हो रही है मांग

Ajmer 92

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डीएनए हिंदी: बीते महीने रिलीज हुई सुदीप्तो सेन (Stupido Sen) की फिल्म द केरल स्टोरी (The Kerala Story) ने जहां एक तरफ लोगों को काफी इंप्रेस किया तो वहीं फिल्म की कहानी को लेकर काफी विवाद रहा. कई राज्यों में इसे बैन (The Kerala Story Ban) कर दिया गया था. अब द केरल स्टोरी के बाद 1992 में घटी एक सच्ची घटना पर आधारित फिल्म (Ajmer 92) काफी सुर्खियां बटोर रही है. इस फिल्म के खिलाफ जमीयत उलमा-ए-हिंद खड़ा हो गया है और इसने फिल्म को बैन करने की मांग शुरू कर दी है.

द केरला स्टोरी के बाद अब अजमेर-92 को लेकर चर्चा तेज हो गई है. ये फिल्म अगले महीने रिलीज होने वाली है. जमीयत उलमा-ए-हिंद इसपर बैन लगाने की मांग कर रहा है जिसने खलबली मचा दी है. उन्होंने कहा, 'अजमेर शरीफ की दरगाह को बदनाम करने के लिए बनी फिल्म पर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए.' जमीयत के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि आपराधिक घटनाओं को धर्म से जोड़ने के बजाय अपराधों के खिलाफ एकजुट कार्रवाई की जरूरत है.

पुष्पेंद्र सिंह के डायरेक्शन में बनी इस फिल्म में जरीना वहाब, सयाजी शिंदे, मनोज जोशी और राजेश शर्मा अहम रोल में हैं. अजमेर -92 को वास्तविक जीवन पर आधारित बताया गया है, जिसमें 250 से ज्यादा लड़कियों को ब्लैकमेल किया गया और वो यौन उत्पीड़न का शिकार हुई थी. यहां तक कि उन लड़कियों की नग्न तस्वीरें भी खींची गई थी. साथ ही उन लड़कियों को जबरन वेश्यावृत्ति में धकेला गया था. 

ये सब साल 1992 में अजमेर शहर में घटित हुआ था. बताया जाता है कि पीड़ितों में से अधिकांश स्कूल जाने वाली लड़कियां थीं, और कई ने कथित तौर पर बाद में आत्महत्या का प्रयास भी किया था.

ये भी पढ़ें: Ajmer Files: केरल स्टोरी के बाद समाज को आईना दिखाएगी ये फिल्म, जानें पूरी अपडेट

अजमेर दरगाह की देखभाल करने वालों पर लगे थे आरोप

अजमेर दरगाह की देखभाल करने वालों ने सालों तक लड़कियों का यौन शोषण किया था और उन्हें ब्लैकमेल किया गया. कहा जाता है कि इस मामले में क्षेत्र के कई प्रभावशाली लोग और शहर के कांग्रेस नेता भी शामिल थे.

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