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World Lung Cancer Day: फेफड़ों को इन नेचुरल तरीकों से करें साफ, दिखे ये लक्षण तो हो जाएं सावधान

World Lung Cancer Day: कैसे होता है फेफड़ों का कैंसर, जानिए कैसे फेफड़ों की करें सफाई, इन लक्षणों से देखें सांस की कोई समस्या तो नहीं, धुम्रपान को रखें दूर. जानिए इस कैंसर के बारे में सब कुछ

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World Lung Cancer Day: फेफड़ों को इन नेचुरल तरीकों से करें साफ, दिखे ये लक्षण तो हो जाएं सावधान

लंग्‍स कैंंसर से बचना है तो स्‍मोकिंग से रहे दूर

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डीएनए हिंदी: Corona की दूसरी और तीसरी लहर ने हमें सिखा दिया है कि हमारे शरीर का हर एक अंग कितना महत्वपूर्ण है, जिस ऑक्सीजन (Oxygen) के बगैर हमारी जिंदगी की कल्पना भी नहीं की जा सकती है, उसी ऑक्सीजन के लिए और अपने फेफड़ों को बचाने के लिए लोगों को दर दर भटकना पड़ा है.आज विश्व लंग कैंसर (World Lung Cancer Day) के दिन हम आपको कुछ बातों से सचेत करते हैं, कैसे आप अपने लंग्स की सफाई (How can clean your lungs) कर सकते हैं, कैसे इसे कैंसर जैसी बीमारी से बचा सकते हैं.

हमारे शरीर के प्रत्येक अंग कोशिकाओं से बने हैं. लंग या फेफड़े अपनी सफाई खुद ही कर लेते हैं. आपके फेफड़े (Lungs) श्वसन तंत्र का मुख्य हिस्सा है जो आपको सांस लेने में मदद करने के लिए काम करते हैं. फेफड़े स्पंजी, हवा से भरे अंगों की एक जोड़ी है, जो छाती (Chest) के दोनों ओर स्थित हैं.  

यह भी पढ़ें:  फेफड़े को स्ट्रांग बनाती हैं 6 चीजें, बढ़ेगी लंग्स की स्‍टेमिना

कैसे होता है लंग कैंसर (Causes of Lung Cancer)

लंग कैंसर में सबसे ज्यादा मौत का आंकड़ा पाया जाता है. संयुक्त राज्य अमेरिका (America) में पुरुषों और महिलाओं दोनों में यह दूसरा सबसे अधिक पाया जाने वाला कैंसर है. धूम्रपान (Smoking) फेफड़ों के कैंसर का पहला सबसे मुख्य कारण माना जाता है। फेफड़ों का कैंसर अन्य प्रकार के तम्बाकू (जैसे पाइप या सिगार) का (Tobacco) उपयोग करना, धुएं के संपर्क में आना, घर या काम पर एस्बेस्टस या रेडॉन जैसे पदार्थों के संपर्क में आने को माना जाता है, इसकी जेनेटिक हिस्ट्री भी हो सकती है. 

कारण 

Smoking (ध्रूमपान)

आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति ध्रूमपान करते हैं, उन्हें फेफड़ों के कैंसर की संभावना रहती है लेकिन यह कैंसर अन्य नशीले पदार्थों जैसे गुटखा, तंबाकू इत्यादि का सेवन करने से भी हो सकता है. इसके साथ में अगर कोई व्यक्ति ध्रूमपान करना छोड़ भी देता है फिर भी इसकी संभावना बरकरार रहती है. 

एस्बेस्टस फाइबर (Asbestos Fibre) के संपर्क में आना 

अगर कोई व्यक्ति एस्बेस्टस फाइबर के संपर्क में आ जाता है तो उसे फेफड़ों का कैंसर हो सकता है क्योंकि इसमें इस कैंसर को उत्पन्न करने के केमिकल होते हैं, जैसे फैक्ट्री, कारखानाओं में काम करने वाले लोगों को इसका ज्यादा खतरा होता है.

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वायु प्रदूषण (Air Pollution) 

वायु प्रदूषण भी फेफड़ों के कैंसर का प्रमुख कारण है क्योंकि यह शरीर में प्रदूषित हवा को भेजता है जो फेफड़ों को खराब करती है

रेडॉन के संपर्क में आना

रेडॉन एक स्वाभाविक रूप से होने वाली रेडियोधर्मी गैस  (Radioactive Gas) है, जो सभी चट्टानों और मिट्टी में मौजूद यूरेनियम की छोटी मात्रा से आती है, यह कभी-कभी इमारतों में भी पाई जाती है.

जेनेटिक कारण (Genetic History) 

अगर माता-पिता, भाई-बहन को कभी कैंसर हुआ हो तो बच्चे में इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है

यह कैंसर कई प्रकार का होता है 

स्मॉल और नॉन स्मॉल सेल लंग कैंसर. दोनों ही अपने आप में खतरनाक है और शरीर के अन्य हिस्सों में जल्दी फैल जाता है. 

फेफड़ों के कैंसर के लक्षण (Symptoms of Lung Cancer)

लंबे वक्त तक खांसी का रहना
छाती में दर्द
सांस लेने में कठिनाई
खांसी में खून आना
हर समय बहुत थकान महसूस करना
बिना किसी कारण के वजन कम होना
भूख न लगना
आवाज का बैठना
सिर में दर्द
हड्डियों में दर्द रहना

कैसे करें फेफड़ों की नेचुरल सफाई (How to Clean Your lungs in a Natural Way)

बीच बीच में फेफड़ों के टॉक्सिन्स (Toxins) को बाहर निकालने से लंग्स साफ रहते हैं, इसलिए खांसी इसका नेचुरल तरीका है. इससे टॉक्सिन कफ के रूप में फेफड़ों से बाहर निकल जाते हैं. 

व्यायाम करें (Exercise for Lungs and Breathing)

व्यायाम मांसपेशियों को ज्यादा तेज गति से काम करने के लिये प्रेरित करता ह,  इससे फेफड़े मजबूत होते है जिससे मांसपेशियों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचता है. रक्त संचार भी बेहतर होता है, शरीर ज्यादा प्रभावी तरीके से कार्बन डाई ऑक्साइड को बाहर निकालता है, जिसका निर्माण व्यायाम करने के दौरान होता है

स्टीम लेना (Steam)

स्टीम लेने से फेफड़े साफ होते हैं, गंदगी स्टीम के जरिए बाहर निकल आती है और साफ हवा अंदर आती है. 

एंटी-इंफ्लेमेटरी चीजों का सेवन (Anti-Inflamatory food)

युमार्ग की सूजन से सांस लेने में परेशानी, सीने में भारीपन और जकड़न महसूस हो सकती है एंटी-इनफ्‍लेमेटरी खाद्य पदार्थ इन लक्षणों से राहत दिलाने का काम करते हैं, ऐसे में Doctors लहसुन, हल्दी अदरक का सेवन करेने की सलाह देती हैं.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.) 


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