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Lumpy Skin Virus : कैसे फैलता है यह वायरस, कारण और लक्षण क्या हैं, कैसे करें पशुओं का बचाव

Lumpy virus skin disease causes and Prevention- कई राज्यों के पशु इस वायरस के आक्रमण से मर रहे हैं, जानते हैं इससे बचाव के उपाय

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Lumpy Skin Virus : कैसे फैलता है यह वायरस, कारण और लक्षण क्या हैं, कैसे करें पशुओं का बचाव

लंपी वायरस जानवरों में

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डीएनए हिंदी : Lumpy Virus Causes, Symptoms and Remedy in Hindi- देश के कई राज्यों में पशुओं और मवेशियों में लंपी वायरस का कहर फैलता जा रहा है. यह एक तरह की स्किन की बीमारी (Skin Disease) है, जिसमें गाय या भैंस के स्किन गांठें नजर आने लगती है. यह वायरस इतनी तेजी से फैल रहा है कि राजस्थान, यूपी, बिहार और एमपी में हजारों की संख्या में पशुओं (Cows Death) की मौत हो रही है.

हालांकि डेयरी विभाग की ओर से इसके रोकथाम के लिए टीका आ गया है. कमजोर इम्‍यूनिटी वाली गायों को खासतौर पर यह वायरस प्रभावित करता है. इस रोग का कोई ठोस इलाज न होने के चलते सिर्फ वैक्‍सीन के द्वारा ही इस रोग पर नियंत्रण और रोकथाम की जा सकती है. हालांकि इसके लक्षण (Lumpy Virus Symptoms and Remedy) शुरूआत में दिखाई नहीं देते लेकिन आयुर्वेदिक इलाज से इसे ठीक किया जा सकता है. 

यह भी पढ़ें- कैसे फैल रहा है लंपी वायरस का कहर, क्या है राजस्थान का हाल

क्या है लंपी वायरस (What is lumpy virus)

साल 2019 में पहली बार भारत में इस वायरस की दस्तक हुई थी, यह त्वचा का एक रोग है, जिसमें स्किन में गांठदार या ढेलेदार दाने बन जाते हैं. इसे एलएसडीवी कहते हैं. यह एक जानवर से दूसरे में फैलता है. यह कैप्रीपॉक्स वायरस के कारण ही फैलता है. जानकारी कहती है कि यह बीमारी मच्छर के काटने से जानवरों में फैलती है. 

लक्षण (Lumpy Virus Symptoms in Hindi)

लंपी स्किन डिजीज के प्रमुख लक्षण पशु को बुखार आना,वजन में कमी,आंखों से पानी टपकना,लार बहना,शरीर पर दाने निकलना,दूध कम देना और भूख नहीं लगाना है.इसके साथ ही उसका शरीर दिन प्रतिदिन और खराब होते जाना 

यह भी पढ़ें- मंकीपॉक्स से लेकर लंपी वायरस तक, इन गंभीर बीमारियों जूझ रहा देश, क्या कर रही हैं सरकारें?

बचाव (Home Remedy and Treatment)

  • लंपी रोग से प्रभावित पशुओं को अलग रखें
  • मक्खी,मच्छर,जूं आदि को मार दें
  • पशु की मृत्यु होने पर शव को खुला न छोड़ें
  • पूरे क्षेत्र में कीटाणुनाशक दवाओं का छिड़काव करें
  • इस वायरस के आक्रमण से ज्यादातर पशुओं की मौत हो जाती है. 
  • गाय के संक्रमित होने पर दूसरे पशुओं को उससे अलग रखें. 
     

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