Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

UGC Guidelines: अब देश की सभी यूनिवर्सिटी कैंटीनों में मिलेगा पौष्टिक आहार, UGC ने पिज्जा-बर्गर की बिक्री पर लगाई रोक

आईसीएमआर की हेल्थ रिपोर्ट के बाद यूजीसी ने सभी यूनिवर्सिटी की कैंटीनों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें पिज्जा बर्गर से लेकर सभी तरह के जंक फूड्स की बिक्री पर रोक लगा दी है.

Latest News
UGC Guidelines: अब देश की सभी यूनिवर्सिटी कैंटीनों में मिलेगा पौष्टिक आहार, UGC ने पिज्जा-बर्गर की बिक्री पर लगाई रोक
FacebookTwitterWhatsappLinkedin

UGC Issued Guidelines For University Canteens: जंक फूड की वजह से बच्चों से लेकर युवाओं में बीमारियों को बढ़ते देख यूजीसी ने देश की सभी यूनिवर्सिटी कैंटीन के लिए एक एडवाइजरी जारी कर दी है. इस एडवाइजरी में यूनिवर्सिटी (UGC Issued Advisory) के सभी कैंटीन में बनने और बेचे जाने वाले जंक फूड पर रोक लगा दी गई है. यहां स्टूडेंट्स को सिर्फ पौष्टिक आहार दिया जाएगा. यूजीसी ने यह आदेश आईसीएमआर की रिपोर्ट का हवाला देते हुए दिया है. 

दरअसल, यूजीसी ने यूनिवर्सिटी को कैंटीनों में जंक फूड की बिक्री (Junk Foods) को प्रतिबंधित कर दिया है. इसकी वजह पिज्जा और बर्गर जैसे जंक फूड्स से स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का बढ़ना है. आईसीएमआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में डायबिटीज से लेकर मोटापे की समस्या काफी तेजी से बढ़ रही है. इसके पीछे की वजह जंक फूड्स का बहुत ज्यादा सेवन है. इसी को देखते हुए यूजीसी ने राष्ट्र के स्वास्थ्य के लिए स्वस्थ खाने के महत्व पर जोर दिया है. यूजीवी के सचिव प्रोफेसर मनीष जोशी ने कहा कि देश की सभी यूनिवर्सिटी को पत्र लिखकर अनहेल्दी फूड्स की बिक्री पर रोक लगाने की एडवाइजरी जारी की गई है. 

हेल्दी फूड्स बढ़ाने का दिया विकल्प 

यूजीसी ने अपनी एडवाइजरी में यूनिवर्सिटी और कॉलेज कैंटीनों के संचालकों के लिए निर्देश दिया है कि वह हेल्दी फूड्स आइट्म बढ़ाये. कैंटीन में हेल्दी फूड बढ़ाने से स्टूडेंट्स को अलग अलग विकल्प मिल सकेंगे. इससे न तो कैंटीन की बिक्री पर ज्यादा प्रभाव पड़ेगा. साथ ही उनके स्टूडेंट्स स्वास्थ भी अच्छा रहेगा. 

यह है आइसीएमआर की पूरी रिपोर्ट

आईसीएमआर की रिपोर्ट 2020 से लेकर 2023 के अनुसार, देश में मोटापे से लेकर डायबिटीज के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. डायबिटीज के मामले में देश भारत पहले स्थान पर है. हर चार में से एक व्यक्ति लाइलाज बीमारियों में से एक डायबिटीज का शिकार हो रहा है. वहीं लोग मोटापे के शिकार भी हो रहे हैं.  इस बढ़ती समस्या से निपटने के लिए एनएपीआई ने राष्ट्रीय बहु-क्षेत्रीय कार्य योजना (NMAP) के त्वरित कार्यान्वयन की मांग की है.

ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगलफेसबुकxइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement