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Ovarian Cancer in Women: कोई आम कैंसर नहीं है यह, पेट में हल्के से दर्द से होता है शुरू,जानिए इसके बारे में सब कुछ

Ovarian Cancer in Hindi: इस कैंसर से जुड़ी सभी जानकारी आपको यहां मिलेगी. कैसे समझें आपको यह कैंसर है या नहीं, इसका मेडिकल ट्रीटमेंट क्या हो सकता है

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Ovarian Cancer in Women: कोई आम कैंसर नहीं है यह, पेट में हल्के से दर्द से होता है शुरू,जानिए इसके बारे में सब कुछ
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डीएनए हिंदी: ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) के बाद महिलाओं में सबसे ज्यादा दिखने वाला कैंसर ओवरी का है. इस कैंसर के लक्षण इतने आम समस्या के रूप में महिलाओं के सामने आते हैं कि वह इसे अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में इग्नोर कर देती है लेकिन यही फिर बाद में जाकर खतरनाक रूप ले लेता है.

आज हम ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer) के बारे में बात करेंगे, इस कैंसर से जुड़े हर लक्षण, इसके कारण और निवारण पर भी चर्चा करेंगे. ओवेरियन कैंसर एक ऐसे प्रकार का कैंसर है जो अंडाशय में शुरू होता है. आज 80 फीसद महिलाएं इस कैंसर का शिकार हो रही हैं. यह हल्के से पेट में दर्द या फिर पेल्विस में सूजन से शुरू होता है.

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कैसे होता है यह कैंसर (How this cancer occur in Hindi)

इस कैंसर में महिलाओं की ओवरी में छोटे-छोटे सिस्ट बन जाते हैं. महिला प्रजनन प्रणाली में दो अंडाशय होते हैं. गर्भाशय के प्रत्येक तरफ एक अंडाशय होता है, जो बादाम के आकार में होता है. ओवेरियन कैंसर का अक्सर पता तब तक नहीं चल पाता है जब तक कि यह श्रोणि (Pelvis) और पेट में फैल न जाए. इसके अंतिम चरण में इस कैंसर का इलाज करना अधिक कठिन होता है. शुरुआती फेज में अगर यह समझ में आ जाए तो इसका ट्रीटमेंट शुरू करना आसान होता है. ओवेरियन कैंसर जिसमें रोग अगर अंडाशय तक ही सीमित है तो तुरंत इलाज होता है लेकिन अगर फैल जाए तो सर्जरी और कीमोथेरेपी का उपयोग किया जाता है.

ओवेरियन कैंसर के लक्षण (Symptoms of Ovarian Cancer in Hindi)

  • ओवरी कैंसर में कई बार लक्षण सामने नहीं आते
  • एब्डोमिनल ब्लोटिंग होना जिसकी वजह से पेट फूला रहता है
  • कम खाने पर भी पेट जल्दी भरना
  • अपच और मितली की शिकायत होना
  • एब्डोमिन में फ्लूड होना
  • तेजी से वजन का घटना
  • पेल्विस में परेशानी होना
  • पीठ दर्द
  • पेशाब बार-बार आना
  • अनियमित मासिक धर्म


ओवेरियन  सिस्ट और ओवेरियन  कैंसर में अंतर (Difference between Ovarian cyst and Cancer) 

ओवेरियन सिस्ट का कई बार एहसास नहीं होता है. इसके लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं. इनमें पेट में सूजन और दबाव, संभोग के दौरान दर्द और बार-बार पेशाब आना शामिल हो सकते हैं. कुछ महिलाओं को मासिक धर्म में अनियमितता, असामान्य बालों का विकास या बुखार का अनुभव हो सकता है.

इन दोनों के लक्षणों में काफी समानता होती है लेकिन जब सिस्ट कैंसर का रूप ले लेती है तो वह भयानक बन जाती है. कैंसर के ट्यूमर कभी-कभी पहले या केवल मामूली लक्षण पैदा करते हैं. शारीरिक परीक्षण के दौरान भी उन्हें आमतौर पर महसूस करना मुश्किल होता है. इसलिए शुरुआती चरण के ओवेरियन कैंसर का पता लगाना मुश्किल होता है.

क्या हो सकता है डॉक्टर का इलाज (Medical Treatment) 

ट्रांसवजाइनल अल्ट्रासाउंड (TVUS)

टीवीयूएस एक प्रकार का इमेजिंग टेस्ट है जो अंडाशय सहित प्रजनन अंगों में ट्यूमर का पता लगाने के लिए ध्वनि तरंगों का उपयोग करता है. हालांकि टीवीयूएस आपके डॉक्टर को यह निर्धारित करने में मदद नहीं कर सकता है कि ट्यूमर कैंसर है या नहीं.

पेट और पेल्विक सीटी स्कैन

अगर आपको डाई से एलर्जी है तो डॉक्टर पेल्विक एमआरआई स्कैन कराने को कह सकते हैं.

रक्त परीक्षण कैंसर प्रतिजन 125 (CA-125) के स्तर को मापने के लिएः CA-125 परीक्षण एक बायोमार्कर है जिसका उपयोग ओवेरियन कैंसर और अन्य प्रजनन अंग कैंसर के लिए उपचार प्रतिक्रिया का आकलन करने के लिए किया जाता ह. हालांकि, मासिक धर्म, गर्भाशय फाइब्रॉएड और गर्भाशय कैंसर भी रक्त में सीए-125 के स्तर को प्रभावित कर सकते हैं।

बायप्सी: बायप्सी में अंडाशय से ऊतक का एक छोटा सा नमूना निकालना और माइक्रोस्कोप के तहत नमूने का विश्लेषण करना शामिल है

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घरेलू इलाज (Basic Treatment at Home in Hindi)

खाने पर ही आपको ऐसा लगे कि आप अब और नहीं खा सकते और पेट भर गया है तो टेस्ट कराएं. पहला ब्लड टेस्ट के द्वारा और दूसरा ओवरी का अल्ट्रासाउंड करके इस बीमारी का पता लगाया जा सकता है. इस कैंसर से कीमोथेरेपी या फिर ओवरी की सर्जरी करके निजात पाई जा सकती है. ओवरी के कैंसर के खतरे को कैसे कम करें जानें

डाइट और एक्सरसाइज पर ध्यान दें: इस कैंसर से बचाव करना चाहते हैं तो डाइट में फल और सब्जियों को शामिल करें. रोजाना 30-40 मिनट वर्कआउट करने से इस जोखिम को 20 फीसदी तक कम किया जा सकता है

गर्भनिरोधक गोली: महिलाओं में गर्भ निरोधकों के सेवन से ओवरी के कैंसर के जोखिम को 50 प्रतिशत तक कम करने का दावा किया गया है, लेकिन इसके लिए पहले चिकित्सकीय परामर्श की आवश्यकता होती है।

गर्भावस्था और स्तनपान: जिन महिलाओं ने कम से कम एक बच्चे को जन्म दिया है, विशेष रूप से 30 वर्ष की आयु से पहले, उनमें ओवरी के कैंसर और यहां तक ​​कि स्तन कैंसर का जोखिम कम होता है. ब्रेस्ट फीडिंग कराने से भी इस जोखिम को कम करने में मदद मिलती है

हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं: हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं, तंबाकू उत्पादों का उपयोग कम करके कैंसर के जोखिम से बचा जा सकता है

 

Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।) 

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