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Good News: एक टीके से खत्म होगा फेफड़ों का कैंसर! Lung Cancer के पहले वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू

जल्द ही फेफड़ों के कैंसर (Lung Cancer) के लिए वैक्सीन उपलब्ध होगी. इसके लिए दुनिया की पहली mRNA लंग्स कैंसर वैक्सीन लॉन्च की गई है, जिसका ह्यूमन ट्रायल शुरू हो गया है. 

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Good News: एक टीके से खत्म होगा फेफड़ों का कैंसर! Lung Cancer के पहले वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू

Lung Cancer Vaccine

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World First mRNA Lung Cancer Vaccine Launched इन दिनों फेफड़ों के कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. बता दें कि कैंसर से होने वाली मौतों में लंग कैंसर के मरीज सबसे ज्यादा होते हैं. हालांकि, अब लंग कैंसर से जूझ रहे मरीजों के लिए एक अच्छी खबर सामने आ रही है.  जल्द ही फेफड़ों के कैंसर  (Lung Cancer) के लिए वैक्सीन उपलब्ध होगी. इसके लिए दुनिया की पहली mRNA लंग्स कैंसर वैक्सीन लॉन्च की गई है.  इसके पहले फेज का ट्रायल UK, USA, जर्मनी, हंगरी, पोलैंड, स्पेन और तुर्की की 34 साइटों (Lung Cancer Vaccine) पर चल रहा है. 

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यह वैक्सीन नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर (NSCLC) के इलाज के लिए है, जिसे BNT116 नाम दिया गया है. बता दें कि इस वैक्सीन को बायोएनटेक (BioNTech)  बना रही है, जिसका ह्यूमन ट्रायल शुरू हो गया है. 

शुरू हुआ वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस वैक्सीन की पहली टेस्टिंग यूके के 67 वर्षीय व्यक्ति जानूस रैक्ज पर की गई, जो mRNA तकनीक का उपयोग कर फेफड़ों के कैंसर के नए टीके का परीक्षण करने वाले यह पहले व्यक्ति बने. इस वैक्सीन को BNT116 नाम दिया गया है और यह BioNTech द्वारा विकसित की गई है.

बता दें कि इस वैक्सीन के सफल होने पर कैंसर के इलाज में क्रांति आ सकती है. इसका ट्रायल 7 देशों UK के अलावा अमेरिका, जर्मनी, हंगरी, पोलैंड, स्पेन और तुर्की  के 130 मरीजों पर किया जाना है. 

कैसे काम करता है ये टीका 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ब्रिटेन में वैक्सीन की 6 खुराक इंग्लैंड और वेल्स में उपलब्ध हैं, इसमें से पहली खुराक मंगलवार को जानूस रैक्ज को दी गई थी. एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह टीका कैंसर कोशिकाओं की पहचान कर उन्हें किल करता है. इसका उद्देश्य भी कीमोथेरेपी से अलग है. दरअसल यह कैंसर के मरीजों के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है. यह वैक्सीन नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर (NSCLC) के इलाज के लिए बनाया गया है, जिसे इस बीमारी का सबसे आम रूप बताया जाता है..

बताते चलें की इसके लिए रैक्ज को नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ रिसर्च UCLH क्लिनिकल रिसर्च फैसिलिटी में 30 मिनट से ज्यादा समय तक 6 इंजेक्शन दिए गए और हर एक इंजेक्शन में अलग-अलग RNA स्ट्रैंड थे. इसके लिए उन्हें 6 हफ्ते तक वैक्सीन दी जाएगी और फिर एक साल से ज्यादा समय तक हर 3 हफ्ते में इलाज दिया जाएगा.

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