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Badrinath जा रहे श्रद्धालुओं के वाहनों के सामने गिरा पूरा पहाड़, दिल दहला देगा ये Shocking Video

Char Dham yatra Shocking video: यह हादसा जोशीमठ के बेहद करीब हुआ है, जहां पहले ही पहाड़ धंसने की घटना पूरी दुनिया में चर्चा पा रही है. फिलहाल मलबा हटने तक के लिए हाईवे बंद कर दिया गया है.

Badrinath जा रहे श्रद्धालुओं के वाहनों के सामने गिरा पूरा पहाड़, दिल दहला देगा ये Shocking Video

Badrinath Highway पर पहाड़ गिरने से रास्ता बंद हो गया है.

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डीएनए हिंदी: Uttarakhand Viral Video- इस साल बेहद खराब मौसम के बीच शुरू हुई चार धाम यात्रा (Char Dham Yatra) पर संकट के बादल हटने का नाम नहीं ले रहे हैं. केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) में लगातार दो दिन पैदल पथ पर ग्लेशियर गिर जाने के कारण यात्रा रोक दी गई है तो गुरुवार देर शाम बदरीनाथ धाम (Badrinath Dham) जा रहे श्रद्धालु भी बहुत बड़े हादसे का शिकार होने से बाल-बाल बच गए. बदरीनाथ जा रहे श्रद्धालुओं के वाहनों की कतार के ठीक सामने पूरा का पूरा पहाड़ अचानक दरक कर सीधे NH-58 पर आ गिरा. यदि वाहन थोड़ा और आगे होते तो वे भी मलबे में दब जाते या उसकी टक्कर से सीधे कई सौ फुट नीचे अलकनंदा नदी में समा जाते. इस दिल दहला देने वाली घटना का वीडियो किसी श्रद्धालु ने अपने मोबाइल से क्लिक कर लिया, जो सोशल मीडिया पर बेहद वायरल हो रहा है. इस घटना के बाद मलबा हटने तक के लिए बदरीनाथ धाम जाने वाला हाईवे भी बंद कर दिया गया है, जिससे सैकड़ों श्रद्धालु रास्ते में ही फंस गए हैं.

जोशीमठ से पहले हुआ ये खौफनाक हादसा

यह खौफनाक हादसा NH-58 पर चार धाम यात्रा पड़ाव पीपलकोटी (Pipalkoti) से जोशीमठ (Joshimath) के बीच हेलन नाम की जगह पर हुआ है. हेलन जोशीमठ घाटी एरिया में ही आता है, जहां पहले से ही पूरा का पूरा शहर पहाड़ के धंसने के कारण खतरे में पड़ा हुआ है. जोशीमठ के भू-धंसाव की चर्चा वैश्विक स्तर पर हो रही है. चार धाम यात्रा से पहले भी जोशीमठ में इस दौरान हजारों वाहन गुजरने के कारण भू-धंसाव के बढ़ने की चिंता जताई जा रही थी.

सुबह तक खुल पाएगा रास्ता

एसपी चमोली प्रमेंद्र सिंह डोभाल ने मीडिया से बताया कि हाईवे को खोलने के लिए मशीनों की मदद से मलबा हटाया जा रहा है. मौके पर 2 जेसीबी मशीन और मजदूर लगाए गए हैं. उन्होंने मलबे के शुक्रवार सुबह तक साफ हो जाने की बात कही है. 

ऑल वेदर रोड पर बार-बार हो रही ऐसी घटनाएं

चार धाम यात्रा को पूरे साल जारी रखने के लिए केंद्र सरकार ने हाईवे को ऑल वेदर रोड में तब्दील किया था. इसके पीछे चीन के कब्जे वाले तिब्बत से सटे उत्तराखंड के इंटरनेशनल सीमा तक पहुंचने वाले रास्तों पर पूरा साल सेना की आवाजाही सुनिश्चित करना भी था. स्थानीय निवासियों का कहना है कि ऑल वेदर रोड तैयार करने वाली कंपनियों ने पहाड़ की प्रकृति को समझे बिना बारूद की मदद से विस्फोट कर सड़कों को चौड़ा किया है, जिससे पहाड़ की मिट्टी की पकड़ कमजोर हो गई है. इसी का नतीजा है कि हाईवे पर जगह-जगह लगातार भू-स्खलन की घटनाएं सामने आती रहती हैं.

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