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जल्द बिकने वाला है Haldiram? देश की नामी फूड चेन में इन कंपनियों की दिलचस्पी, होगा भारत का सबसे बड़ा सौदा

भारत की बड़ी कंपनियों में से एक हल्दीराम (Haldiram Snacks Food Pvt Ltd) के बिकने की खबर आ रही हैं. बताया जा रहा है कि इस नामी फूड चेन में दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में शामिल ब्लैकस्टोन की दिलचस्पी है.

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हल्दीराम (Haldiram Snacks Food Pvt Ltd) देश की बड़ी फूड चेन में से एक है. अब इस कंपनी के बिकने की खबरें मार्केट में आ रही हैं. इन खबरों के हिसाब से दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक ब्लैकस्टोन ने हल्दीराम में हिस्सेदारी खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है. इसके अलावा एक और कंपनी इस सौदे को लेकर होड़ में है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो हल्दीराम की मौजूदा वैल्यूएशन 66,400 करोड़ रुपये से लेकर 70,500 करोड़ रुपये तक आंकी गई है. अगर उसकी बिक्री की डील पूरी होती है तो यह भारत की सबसे बड़ी इक्विटी खरीद होने वाली है. 

8.5 बिलियन डॉलर की वैल्यूएशन 

दरअसल इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया की सबसे बड़ी ब्लैकस्टोन के नेतृत्व वाले एक कंसोर्टियम ने अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (ADIA) और सिंगापुर के (GIC) के साथ मिलकर पिछले हफ्ते हल्दीराम स्नैक्स फूड में नियंत्रण हिस्सेदारी हासिल करने के लिए बोली जमा की है. ये रिपोर्ट दावा करती है, कि Haldiram Snacks Food Pvt Ltd की वैल्यूएशन (66,400 करोड़ रुपये से लेकर 70,500 करोड़ रुपये) यानी 8 बिलियन से 8.5 बिलियन डॉलर है. 


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दिल्ली और नागपुर के बिजनेस में पार्टनरशिप

बताते चलें कि ये बात हल्दीराम के दिल्ली और नागपुर की बिजनेस पार्टनरशिप की बात हो रही है. कुछ मीडिया रिपोर्ट का कहना है कि ब्लैकस्टोन के अलावा बेन कैपिटल की निगाह भी हल्दीराम पर अटकी हुई है. ये कंपनी भी हल्दीराम स्नैक्स में अपना मालिकाना हक ढूंढ रही है. ये सभी कंपनिया हल्दीराम में 74 से 76 फीसदी हिस्सेदारी करना चाहती है. इस पूरे मामले पर हल्दीराम के CEO केके चुटानी ने कहा है कि कंपनी इस बारें में कोई भी टिप्पणी करना नहीं चाहती है. 

विलय को अप्रैल में ही मिल गई थी मंजूरी

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग(CEE) ने इस विलय को अप्रैल में ही मंजूरी दे दी है. इस डील को अगले तीन चार महीने में पूरा होने की उम्मीद है. ये पहली बार नहीं है जब कंपनी में हिस्सेदारी के लिए कोशिश की गई है. बेन कैपिटल, वारबर्ग पिंकस, जनरल अटलांटिक सहित कई इक्विटी फर्म माइनॉरिटी या नियंत्रित हिस्सेदारी के लिए 2016-17 से परिवार से बात कर रहे हैं. 

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