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'सिखों को मार डालो, जगदीश टाइटलर ने भीड़ को उकसाया', CBI की चार्जशीट में दावा

सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से कहा कि उन्होंने जगदीश टाइटलर को अपनी कार से बाहर निकलते और भीड़ को उकसाते हुए देखा था.

'सिखों को मार डालो, जगदीश टाइटलर ने भीड़ को उकसाया', CBI की चार्जशीट में दावा

Jagdish Tytler

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डीएनए हिंदी: 1984 के सिख विरोधी दंगों में सीबीआई ने कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है. जिसमें प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से टाइटलर पर सिखों की हत्या करने के लिए भीड़ को उकसाने का आरोप लगाया है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने अपने चार्जशीट में बताया कि टाइटलर ने भीड़ से सिखों की दुकानों में आग लगाने और उनका कीमती सामान लूटने के लिए कहा था. गौरतलब है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या कि जाने के बाद हिंसा भड़क गई थी और 1 नवंबर 1984 को दिल्ली के पुल बंगश क्षेत्र में 3 लोगों की हत्या कर दी गई थी.

सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में प्रत्यक्षदर्शी महिला के हवाले से कहा कि उन्होंने कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर को अपनी कार से बाहर निकलते और भीड़ को उकसाते हुए देखा था. चार्जशीट में कहा गया कि महिला ने टाइटलर 1 नवंबर, 1984 को गुरुद्वारा पुल बंगश के सामने सफेद रंग की अंबेसडर कार से उतरे देखा, वो चीख रहे थे, ‘सिखों को मार डालो. उन्होंने हमारी मां की हत्या की है.’ जल्द ही सिख धर्म स्थल पर तीन लोग मृत पड़े थे.

यह बयान पूर्व केंद्रीय मंत्री के खिलाफ दायर चार्जशीट का हिस्सा है, जिसके कारण उन्हें 1984 के सिख विरोधी दंगों से संबंधित मामले में एक आरोपी के रूप में अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट विधि गुप्ता आनंद के समक्ष शनिवार को पहली बार पेश होना पड़ा. सिख अंगरक्षकों द्वारा तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के एक दिन बाद एक नवंबर, 1984 को नई दिल्ली के पुल बंगश क्षेत्र में तीन लोगों की हत्या कर दी गई और एक गुरुद्वारे में आग लगा दी गई थी. एक बयान में दावा किया गया है कि कार से उतरने के बाद टाइटलर ने वहां जुटे अपने समर्थकों को फटकारते हुए कहा,‘मैंने तुम्हें पूरी तरह आश्वस्त किया था कि तुम पर कोई प्रभाव (नुकसान) नहीं पड़ेगा. तुम बस सिखों की हत्या करो.’ 

'टाइटलर के भाषण के बाद मच गई थी भगदड़'
बयान में कहा गया कि, ‘आरोपी ने आगे कहा कि इसके बावजूद कम संख्या (बहुत कम) में सिख मारे गए हैं जिससे उन्हें शर्मसार होना पड़ा. उन्होंने यह भी कहा कि पूर्वी दिल्ली और उत्तरी दिल्ली की तुलना में उनके निर्वाचन क्षेत्रों (उनकी दिल्ली सदर लोकसभा सीट के तहत आने वाले विधानसभा क्षेत्रों) में केवल नाममात्र की हत्याएं हुई हैं और उसके बाद वह गुस्से में वहां से चले गए.’ कुछ गवाहों ने दावा किया कि हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट रूप से नहीं सुना कि टाइटलर ने भीड़ से सटीक रूप से क्या कहा था, लेकिन इसके बाद (आरोपी के दौरे के बाद) वहां एकत्र लोग हिंसक हो गये और गुरुद्वारा पुल बंगश पर हमला करना शुरू कर दिया और इसे आग के हवाले कर दिया। अधिकतर गवाहों ने कहा कि वह यह सुनने में असफल रहे कि टाइटलर ने भीड़ से क्या कहा, लेकिन उन्होंने उन्हें कार से उतरकर भाषण देते देखा जिससे भगदड़ मच गई.

एक अन्य बयान में दावा किया गया कि तीन नवंबर, 1984 को टाइटलर राष्ट्रीय राजधानी के एक अस्पताल में गए और वहां एकत्र लोगों के एक समूह को फटकार लगाई और कहा कि उनके निर्देशों का ‘ईमानदारी से’ पालन नहीं किया गया है. बयान में कहा गया कि आरोपी जगदीश टाइटलर ने यह भी कहा कि उन्हें अपने कद से बहुत समझौता करना पड़ा है और केंद्रीय नेताओं की नजर में उन्हें नीचा दिखाया गया. सीबीआई की चार्जशीट के अनुसार, आरोपी ने वहां मौजूद लोगों को बताया कि पूर्वी दिल्ली, बाहरी दिल्ली कैंट की तुलना में उनके निर्वाचन क्षेत्र में सिखों की नाममात्र की हत्या हुई है.’ 

पुल बंगश में तीन सिखों की कर दी गई थी हत्या
आरोप पत्र में एक गवाह के बयान के हवाले से कहा गया है, ‘‘टाइटलर ने यह भी कहा कि उन्होंने बड़े पैमाने पर सिखों की हत्या का वादा किया था और पूर्ण सुरक्षा का वादा किया था, लेकिन आप (लोगों) ने मुझे (टाइटलर को) धोखा दिया और मुझे नीचा दिखाया.'' सीबीआई ने आरोपपत्र में कहा, ‘टाइटलर ने सिखों को मारने के लिए भीड़ को उकसाया जिसके परिणामस्वरूप भीड़ ने गुरुद्वारा पुल बंगश में आग लगा दी और सिख समुदाय के तीन लोगों की हत्या कर दी. उसने विभिन्न धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी को भी बढ़ावा दिया.’ अदालत ने शनिवार को इस मामले के संबंध में यह देखते हुए जगदीश टाइटलर द्वारा प्रस्तुत जमानत बांड स्वीकार कर लिया कि उन्हें पहले ही एक सत्र अदालत द्वारा अग्रिम जमानत दी जा चुकी है. 

इससे पहले दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने शुक्रवार को इस मामले में जगदीश टाइटलर को एक लाख रुपये के निजी मुचलके अग्रिम जमानत दे दी थी. अदालत ने जमानत के लिए टाइटलर पर कुछ शर्तें भी लगाई थीं, जिनमें यह शामिल था कि वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे या अदालत की अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ेंगे. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने टाइटलर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147 (दंगा), धारा 109 (उकसाने) के साथ पठित धारा 302 (हत्या) के तहत आरोप लगाए हैं. (भाषा इनपुट के साथ)
 

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